उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले चोपता से तुंगनाथ जा रहे थे, पर्यटक सेल्फी लेते समय आसमानी बिजली की चपेट में आ गए। चार पर्यटक आसमानी बिजली की चपेट में आने से घायल होकर बेहोश हो गए। इस दौरान वापस लौट रहे कुछ लोगों की सूचना पर चोपता के व्यापारी मौके पर पहुंचे और घायलों को बाजार तक लाया गया।
शनिवार को अपराह्न तीन बजे के बाद गाजियाबाद निवासी मयंक शर्मा (27) अपने भाई भाई सतीश शर्मा (25), साथ में बुलंदशहर निवासी देवेंद्र सिंह (25) और चंद्रापुरी-भटवाड़ी निवासी दिनेश सिंह (27) के साथ चोपता से तुंगनाथ के लिए रवाना हुए।
शाम लगभग साढ़े चार बजे शाम ये लोग भुगजली पहुंचे। तभी वहां मौसम खराब होने के साथ ही आसमान में बादलों की गर्जना होने लगी। इस बीच एक पर्यटक अपने मोबाइल से फोटो खींचने लगा। तभी जोरदार आवाज के साथ आसमानी बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से चारों पर्यटक घायल हो गए। जबकि मोबाइल जलकर पूरा जल कर खाक हो गया।
देवंद्र सिंह के सिर के पीछे की तरफ चोट लगने से गहरा घाव हुआ था, जिस पर पांच टांके लगे हैं। अन्य तीनों लोग पूरी तरह से सामान्य हैं। तहसीलदार जयवीर राम बधाधी ने बताया कि आसमानी बिजली की चपेट में आने से चारों पर्यटक बेहोश हो गए थे, जिसमें दो को चोट लगी। जबकि दो सामान्य हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार बिजली गरजने के दौरान खुले स्थान पर मोबाइल इस्तेमाल करने से बिजली गिरने का खतरा बढ़ जाता है। मोबाइल फोन में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें होती है जो आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। ऐसी स्थिति में बिजली की तरंगे मोबाइल में प्रवेश कर जाएंगे और विस्फोट हो जाएगा। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
मोबाइल स्विच ऑफ करने से भी है खतरा
बारिश के दौरान स्विच ऑफ मोबाइल भी खतरनाक साबित हो सकता है । दुनिया भर में हर सेकंड 1800 से 2000 बादलों की गर्जना होती है । आकाश से बिजली
पृथ्वी पर 5400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरती है । वैज्ञानिकों के अनुसार आकाश में रोज 44000 बार बिजली चमकती है लेकिन बिजली और हमारे बीच
बादलों की मोटी परत की वजह से यह हमें हमेशा नहीं दिखाई देती है।
मोबाइल से ज्यादा टावर से है खतरा
रेडियो फ्रीक्वेंसी की रेंज जितनी अधिक होती है बिजली उतनी ही स्पीड से आकर्षित होकर मोबाइल से संपर्क करती है। जिससे विस्फोट होने का खतरा बढ़ जाता है । मोबाइल से ज्यादा रेडिएशन मोबाइल टावर से मिलते हैं बारिश के दौरान मोबाइल टॉवर से दूरी पर रहना ही सुरक्षित होता है अक्सर लोग मोबाइल पर बात करते हुए इस बात पर ध्यान नहीं देते और टावर की जद में आ जाते हैं जैसे अर्थिंग मिलती है वैसे ही बिजली गिरती है।
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