उत्तराखंड की हस्तियों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

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उत्तराखंड में कई लोग ऐसे हैं जो अलग-अलग क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं इन्हीं में से उत्तराखंड के इन महानुभाओं को उनके द्वारा उनके क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्टीय पुरस्कार दिया जा रहा है। उत्तराखंड के इन हस्तियों को राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। जिसमें प्रो. डीआर पुरोहित, रामलाल भट्ट, और ललित सिंह पोखरिया को राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार वहीं रेशमा शाह को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिलने की घोषणा की गई है।

प्रो. पुरोहित कर रहे कला व संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य

प्रो. डीआर पुरोहित वर्तमान में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र में एडर्जेट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर रहे डीआर पुरोहित ने ही वर्ष 2006 में इस विभाग की स्थापना की थी। वह निरंतर लोक कला व संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। इन्हें लोक रंगमंच, लोक संगीत के क्षेत्र में राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

रामलाल भट्ट कठपुतलियों को लेकर कर रहे नए प्रयोग

कठपुतली कलाकार रामलाल भट्ट करीब 40 वर्षों से कठपुतलियों को लेकर नए प्रयोग कर रहे हैं। वह बताते हैं कि 12 वर्ष की आयु से ही उन्होंने कठपुतली का खेल दिखाना शुरू कर दिया था। अपने पिता से ही उन्हें इसकी शिक्षा मिली और वह चौथी पीढ़ी के कठपुतली कलाकार हैं। विगत 40 वर्षं से वह उत्तराखंड के दूर-दराज सहित अन्य इलाकों में कठपुतली के जरिये पर्यावरण, शिक्षा सहित अन्य विषयों को लेकर कठपुतली शो किए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कठपुतली को आम जन में जागरुकता का माध्यम बनाया।कठपुतली के जरिये देश-दुनिया को पर्यावरण संरक्षण, बालिका शिक्षा सहित समाज हित के तमाम विषयों पर जागरुकता का संदेश देने वाले देहरादून स्थित प्रेमनगर के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट को थियेटर व पपेट्री (रंगमंच व कठपुतली) के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है।

ललित सिंह पोखरिया ने रंगमंच को बनाई अपनी कर्मभूमि

रंगमंच की दुनिया को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले ललित सिंह पोखरिया नाटक लेखन के साथ ही अभिनय व निर्देशन के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। रंगमंच में रूचि के चलते उनका चयन वर्ष 1984 में भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ में हो गया था। उनकी प्रकाशित रचनाओं में फांसी से बढ़कर, आविष्कार की खोज में, दुखवा में बीतल रतियां, नकटा बुच्चा आदि हैं। वो भारतीय नाट्य अकादमी रजत जयंती पुरस्कार, कलाकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की ओर से सर्वश्रेष्ठ लेखक निर्देशक पुरस्कार, मंजुश्री पुरस्कार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की ओर से कलानिधि पुरस्कार और मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सीनियर फ़ेलोशिप से कई महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। पिथौरागढ़ के ललित सिंह पोखरिया को रंगमंच के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और से नवाजा जाएगा।

रेशमा शाह को मिलेगा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार

वहीं उत्तराखंड की लोकगायिका रेशमा शाह को लोक कला लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। संगीत नाटक अकादमी, द नेशनल एकेडमी आफ म्यूजिक, डांस एंड ड्रामा ने वर्ष 2019, 2020 व 2021 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान करने को विभिन्न राज्यों से कलाकारों का चयन किया है। रेशमा शाह को उनके लोक कला पर कार्य करने के लिए वर्ष 2019 का यह पुरस्कार दिया जाएगा।