पिथौरागढ़ के सबसे खूबसूरत क्षेत्रों में में से एक चंडाक आने वाले दिनों में पर्यटन का केंद्र बिंदु बन सकता है। बीते वर्ष यहां पायलट प्रोजेक्ट के बतौर कई प्रजातियों के ट्यूलिप उगाने में सफलता मिली थी। अब वन विभाग ने एक करोड़ 83 लाख की लागत से वर्षभर गुलजार रहने वाले ट्यूलिप गॉर्डन का प्रस्ताव तैयार किया है।
सोरघाटी के मस्तक चंडाक में वन विभाग विश्वस्तरीय ट्यूलिप गॉर्डन बनाने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद 30 हेक्टेयर में एक ऐसा ट्यूलिप गॉर्डन तैयार करने का प्लान है, जो वर्षभर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।
इसके साथ ही यहाँ ट्यूलिप के बल्ब भी तैयार किए जाने का प्लान है। वर्तमान में भारत में ट्यूलिप के बल्ब हॉलैंड से मंगवाए जाते हैं। डीएफओ विनय भार्गव, डीएफओ ने बताया कि प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसे लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित हैं जिसे देखते हुए लगता है कि ट्यूलिप गॉर्डन के वजूद में आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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अगर वन विभाग स्थानीय स्तर पर ही ट्यूलिप तैयार करने में सफल होता है तो इसके कई लाभ होंगे। विभाग के प्लान के अनुसार साल में तीन महीनों तक लैंडस्केप ट्यूलिप के फूलों से गुलजार रहेगा। स्थानीय फूलों और जड़ी-बूटियों से इसकी रौनक बढ़ाई जाएगी। ट्यूलिप गॉर्डन को सामुदायिक आधार
पर संचालित किए जाने का भी प्लान है। सामुदायिक आधार पर ट्यूलिप गॉर्डन का संचालन होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
पिथौरागढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के धरातल में उतरने से कई लोगों को फायदा तो होगा ही साथ ही ये इलाका पर्यटन के मानचित्र में स्थापित भी हो जाएगा।