तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
उत्तराखंड में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री बन गए हैं। बुधवार को भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में उनका नाम अचानक से सामने आया। कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह के नाम का प्रस्ताव दिया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े तीरथ सिंह रावत गढ़वाल के सांसद हैं और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। वे पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री पद पर रह चुके हैं।उन्हें मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के सबसे वफादार नेताओं में गिना जाता रहा। तीरथ के सामने पिछले लोकसभा चुनाव में तब धर्मसंकट पैदा हुआ जब उन्हें अपने गुरु के पुत्र के खिलाफ गढ़वाल सीट से चुनाव लड़ना पड़ा था। इस सीट पर उन्होंने जनरल खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को पराजित कर दिया था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वह राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और त्रिवेंद्र सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। पर्यटन, तीर्थांटन, शिक्षा, खेती और किसानी, महिला सशक्तीकरण, स्वरोजगार उनकी प्राथमिकताएं होंगी। राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए वे इन क्षेत्रों पर खास फोकस करेंगे।
अभी कुंभ मेले का आयोजन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल रहेगा। तीरथ राजभवन में शपथग्रहण समारोह के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान जब पत्रकारों ने उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि वह सबसे पहले केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहेंगे। उन्होंने पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास किया। एक छोटे से गाव से यहां तक पहुंचाया। केंद्रीय नेतृत्व के जो भी दिशा-निर्देश होंगे, उसके अनुरूप काम करूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को आगे बढ़ाएंगे। तीरथ ने कहा कि वह सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। उनकी कोशिश रहेगी कि हर वर्ग की समस्या का समाधान हो। राज्य सरकार ने चार साल में कई ऐसे कार्य किए हैं जो अब तक नहीं हुए थे, इन कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कैबिनेट का गठन जल्द हो जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत हो रही है।आज बृहस्पतिवार को कुंभ में होने जा रहे पहले शाही स्नान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी अधिकारियों के साथ बैठने वाला हूं। कुंभ मेले की व्यवस्था से जुड़े लोगों से बातचीत होगी। शाही स्नान भव्य और दिव्य होगा। उसके लिए जल्द योजना बना रहे हैं। एक हेलीकॉप्टर फूलों की वर्षा करेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले में सभी लोग स्नान करें, सरकार ऐसी व्यवस्था बना रही है। कोविड-19 महामारी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कुंभ स्नान की परंपरा को निभाया जाएगा।
पीएम मोदी ने भी प्रदेश के नए सीएम तीरथ सिंह रावत को ट्वीट कर बधाई दी।
तीरथ सिंह रावत ने कहा-मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि कभी इस जगह पहुंच सकता हूं
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार प्रकट करते हैं। कहा कि उन्होंने एक छोटे से गांव से आने वाले व्यक्ति को यह अवसर दिया। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, ‘मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि कभी इस जगह पहुंच सकता हूं। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। पिछली सरकार के चार साल के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल के बाद आखिरकार बुधवार को विराम लग गया। विधानमंडल दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नेता चुना गया। वहीं, इससे पहले बीते रोज मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली से लौटने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्य में नए मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बने रहने को कहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भाजपा ने उन जैसे छोटे से गांव और साधारण परिवार में जन्म लेने वाले व्यक्ति को चार साल तक उत्तराखंड की सेवा का मौका दिया, इसकी उनके द्वारा कल्पना तक नहीं की गई थी। आज भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम मौजूद रहे।
अस्पताल के कर्मचारियों के मामले में डीजी हेल्थ से मिले कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष
टर्नर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में स्टाफर्मियों को निकालने के मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कर्मचारियों को समर्थन दिया। उन्होंने इस संबंध में डीजी हेल्थ से मुलाकात कर कर्मचारियों को ना निकालने की मांग उठाई। डीजी हेल्थ को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि अस्पताल के 200 से अधिक स्टाफकर्मियों को निकाले जाने की सूचना से कर्मचारी परेशान हैं। इस दौरान उन्होंने अस्पताल पहुंचकर भी डायरेक्टर संदीप सिंह से वार्ता की और अनुबंध समय सीमा रिनिवल फाइल के विषय में विचार विमर्श किया। कहा कि पार्टी कर्मचारियों की मांग पर अमल किया जाना चाहिए। अस्पताल के बाहर मैजूद स्टाफकर्मियों ने जोर शोर से नारे भी लगाए। पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि जल्द ही कर्मचारियों की समस्या का समाधान निकालने के लिए वह विभागीय अधिकारियों से फिर से वार्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कर्मचारियों को बाहर नहीं किया जाना चाहिए। कोरोनाकाल में कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर कार्य किया। ऐसे में उनके इस सहयोग का भी ध्यान रखना चाहिए।
कहा कि अगर उक्त समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो जनहित में हमें धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस अवसर पर प्रदेश सचिव मंजुला तोमर, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र खन्ना, राहुल रॉबिन पंवार, विवेक चौहान, प्रियांस, अरविंद रावत, बलराज आदि मौजूद रहे।
महाशिवरात्रि पर पहला शाही स्नान ११ मार्च को , लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते ट्रैफिक डायवर्ट
महाशिवरात्रि पर कुंभ के पहले शाही स्नान से एक दिन पहले बुधवार को लाखों श्रद्धालु और कांवड़िए हरिद्वार पहुंच गए। हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट पूरी तरह श्रद्धालुओं से पैक रहे। अपेक्षा से अधिक भीड़ आने के कारण गुरुवार को लागू होने वाला ट्रैफिक प्लान बुधवार दोपहर 2 बजे ही लागू करना पड़ा। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग फुल होने के कारण सिंहद्वार से रूट डायवर्ट कर वाहनों को बैरागी पार्किंग में भेजा गया। शाही स्नान की पूर्व संध्या पर हरिद्वार में करीब 7000 हजार से अधिक वाहन पहुंचे। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग सुबह से दोपहर होते-होते पूरी तरह पैक हो गई। हालांकि मेला और जिला पुलिस पहले से ही तैयार थी। लेकिन अचानक दोपहर में भीड़ बढ़ती देख अधिकारी सड़कों पर उतर आये।
आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस समेत तमाम अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 12 बजे तक चमगादड़ टापू की पार्किंग पूरी तरह भर चुकी थी। आनन-फानन में रुड़की से हरिद्वार की ओर आने वाले वाहनों को सिंहद्वार से बैरागी कैंप पार्किंग की ओर भेजा गया। कुछ देर बाद दिल्ली से मंगलौर और रुड़की से वाया लक्सर वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया था। दोपहर बाद लक्सर होते हुए वाहन हरिद्वार पहुंचे थे। वहीं भारी वाहनों को पहले ही बंद कर दिया गया था।
श्रद्धालुओं के साथ बुधवार को हरिद्वार में कांवड़ियों का कब्जा नजर आया। जगह-जगह डाक कांवड़िए नजर आये। गुरुवार को महाशिवरात्रि के मौके पर शारदीय कांवड़ यात्रा का समापन हो रहा है। यात्रा के अंतिम दिन काफी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे और ऋषिकेश की ओर भी निकले।
श्रद्धालुओं के साथ बुधवार को हरिद्वार में कांवड़ियों का कब्जा नजर आया। जगह-जगह डाक कांवड़िए नजर आये। गुरुवार को महाशिवरात्रि के मौके पर शारदीय कांवड़ यात्रा का समापन हो रहा है। यात्रा के अंतिम दिन काफी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे और ऋषिकेश की ओर भी निकले।
हरकी पैड़ी पर आने वाले दोपहिया वाहनों को भी बुधवार को बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों को भी वाहन ले जाने नहीं दिए गए। भीड़ अधिक हो गई थी। एक ओर भीमगोड़ा तो दूसरी ओर कोतवाली नगर के पास बने बैरियर से वाहनों को रोका गया। आवश्यक कार्य के लिए जा रहे लोगों को ही वाहन ले जाने की अनुमति दी गई थी।
नीलकंठ महादेव मंदिर जाने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी रही। इस कारण चीला मार्ग पर जाम दिखाई दिया। चंडी चौकी से चीला मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक दिखाई दिया।
उत्तरी हरिद्वार के भीमगोड़ा तक आने वाले ऑटो और विक्रम को बुधवार को खड़खड़ी की ओर नहीं आने दिया गया। सूखी नदी पर लगे बैरियर से ही वाहनों को लौटाया जा रहा था।
यह रहेगी रोडवेज की व्यवस्था
दिल्ली की रूट से आने वाले रोडवेज की बसों को पुरकाजी के पास से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जायेगा। ये वाहन लक्सर मार्ग से बैरागी पार्किंग तक ही आ सकेगी। इसी आगे बसों को भी नहीं आने दिया जाएगा। सहारनपुर से आने वाली रोडवेज की बसों को छुटमलपुर, गागलहेडी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल से धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा। नजीबाबाद कोटद्वार मार्ग से आने वाली रोडवेज बसों को 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किग से आगे नहीं आने दिया जाएगा। ऋषिकेश देहरादून की ओर से आने वाली उत्तराखंड और हिमाचलय राज्य परिवहन की बसों को दूधाधारी चौक से मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जायेगा।
सहारनपुर की ओर से आने वाले वाहन
सहारनपुर की ओर से आने वाले बड़े और छोटे वाहनों को बडकला, छुटमलपुर, गागलहेडी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल पार कर करते हुए कांवड़ पटरी से काली माता तिराहे के सामने से बीएचईएल तिराहे से सलेमपुर पिकेट मोड से राजा बिस्कुट तिराहे से सिडकुल मार्ग किरबी चौराहे से चिन्मय डिग्री कॉलेज से शिवालिक नगर तिराहे, बीएचईएल मध्य मार्ग से लाकर सेक्टर 4 पीठ के पीछे एवं फाउंड्री गेट के सामने से दाहिने मुड़कर धीरवाली पार्किंग में पार्क कराया जायेगा। इन वाहनों की वापसी शिवालिक नगर तिराहा से बैरियर न 6, ख्याति ढाबे से बोंगला बाई पास से रूड़की राजमार्ग- 58 से होकर करायी जायेगी।
नजीबाबाद-कोटद्वार मार्ग
नजीबाबाद और कोटद्वार मार्ग से आने वाले बड़े वाहन और छोटे वाहनों को नजीबाबाद-हरिद्वार मार्ग से आने वाले सभी प्रकार के बडे वाहन 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किग स्थलों पर पार्क कराये जायेगें। इन वाहनों को हरिद्वार-नजीबाबाद मुख्य सड़क से वापस भेजा जायेगा।
देहरादून, ऋषिकेश मार्ग
देहरादून ऋषिकेश मार्गसे आने वाले वाहनों को दूधियाबंध कृषि भूमि पर बनी पार्किंग पर पार्क कराया जायेगा। इस पार्किग के भर जाने पर देहरादून, ऋषिकेश की तरफ से आने वाली सभी बडी गाडियों मोतीचूर रेलवे फाटक के पास मोतीचूर-रोह पर बने पार्किग में पार्क की जायेगी। जबकि छोटे वाहनों को हरिपुर कलां मार्ग से होकर सप्तऋषि आश्रम के सामने सप्तऋषि पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा। इनकी वापसी पुरानी भूपतवाला चौकी से दाहिने मुड़कर मुख्य मार्ग से वापस भेजा जायेगा।
दोपहिया के लिए यह रहेगा प्लान
दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को शहर के अंदर किसी भी सूरत में नहीं आने दिया जाएगा। उत्तरी हरिद्वार के वाहनों को खड़खड़ी से पहले ही बंद करा दिया जाएगा। जवालापुर की ओर से आने वाले वाहनों को भगत सिंह चौक और कनखल की ओर से आने वाले वाहनों को हरिराम आर्य इंटर कॉलेज और सिडकुल से आने वाले वाहनों को भेल में ही रोक दिए जाएंगे। यहां इनके लिए अस्थाई पार्किंग बनाई गई है। दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए अगल से प्लान लागू किया गया है। रुड़की बहादराबाद की ओर से आने वाले दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को बहादराबाद, ज्वालापुर से पुल जटवाडा पार कर रेल चौकी, भगत सिंह चौक से हिल बाईपास पर रोडवेज वर्कशाप के सामने बने पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा।
इसी मार्ग से वापस भेजा जायेगा। जबकि लक्सर और कनखल मार्ग से आने वाले वाहनों को बूढ़ी माता तिराहे से सतीकुंड होते हुये देश रक्षक तिराहे से दाहिने मोड़कर बंगाली मोड से वाया महात्मा गांधी मार्ग से हरिराम इंटर कालेज लाकर पार्क कराया जायेगा। शिवालिकनगर, रोशनाबाद, और भेल मार्ग से आने वाले वाहनों को नेहरू युवा केंद्र के पीछे बनी पार्किग पर पार्क किये जायेंगे। श्यामपुर कांगड़ी मार्ग से आने वाले वाहनों को 4.2 किमी0 से नहर पटरी होकर गौरीशंकर, पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा। रायवाला, भूपतवाला और सप्तसरोवर क्षेत्र से आने वाले वाहनों को खड़खड़ी मार्ग से लाकर बागरो नदी परब ने पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा। खड़खड़ी मार्ग पर पैदल यातायात अधिक होने की दशा में इन दो पहिया वाहनों को मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास पार्क कराया जायेगा।
चलना होगा पैदल
हरिद्वार हरकी पैड़ी के आसपास के गंगा घाटों में स्नान के लिए पैदल ही जाना होगा। ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को स्टेशन से ऋषिकुल, हाईवे होते हुए रोडीबेल वाला भेजा जाएगा और फिर यहां से बने बल्लियों के चक्रव्यूह से हरकी पैड़ी के आसपास गंगा घाटों में भेजा जाएगा।
उत्तराखंड: देहरादून और गैरसैंण में मिलेगी सुकून की छांव, जानिए क्या है योजना
अस्थायी राजधानी देहरादून और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जल्द ही हरेक व्यक्ति को सुकून की छांव नसीब हो सकेगी। राजधानी के लिहाज से दोनों स्थानों को पार्क-पौधारोपण, सौंदर्यीकरण, ईको टूरिज्म और मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के माडल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम उठाने की तैयारी है। वन महकमे ने इस संबंध में कार्ययोजना बनाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही बैठक बुलाई गई है।
बेहतरीन आबोहवा के लिए प्रसिद्ध देहरादून शहर में सुकून की छांव के लिए पार्क, पौधारोपण, सौंदर्यीकरण समेत अन्य पहलुओं को लेकर वन महकमा कदम तो उठा रहा, मगर इनमें समग्रता का अभाव है। जिस तरह बेंगलुरू को सुंदर बनाने में वहां के वन विभाग का योगदान रहा, वैसा यहां नजर नहीं आता है। वह भी तब, जबकि देहरादून उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी है। इसे देखते हुए महकमे ने अब जाकर इस दिशा में समग्रता से कदम उठाने की ठानी है।
इसके तहत न सिर्फ देहरादून, बल्कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी संरक्षण (पार्कों का निर्माण, विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण), सौंदर्यीकरण, इन स्थानों से लगे वन क्षेत्रों में प्रकृति आधारित पर्यटन (ईको टूरिज्म) के अलावा मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के लिए कदम उठाए जाएंगे। उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार इन चार बिंदुओं पर फोकस किए जाने से जहां देहरादून व गैरसैंण में स्थानीय निवासियों के साथ ही सैलानियों को सुकून की छांव उपलब्ध होगी, वहीं वे प्रकृति के संरक्षण के लिए भी प्रेरित होंगे।
उन्होंने बताया कि चारों बिंदुओं पर दोनों स्थानों को माडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस सिलसिले में प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों की जल्द ही बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि इस पहल के धरातल पर आकार लेने के बाद इसे अन्य शहरों में भी धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी।
Corona in Uttarakhand: 24 घंटे में 36 नए संक्रमित मिले, दो मरीजों की हुई मौत
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर दो कोरोना मरीजों की मौत हो गई और 36 संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही कुल संक्रमितों का आंकड़ा 97480 हो गई है। जबकि 600 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुुधवार को 12628 सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, पांच जिलों में कुल 36 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। हरिद्वार जिले में 19, नैनीताल में 12, ऊधमसिंह नगर में तीन, पौड़ी में एक, रुद्रप्रयाग जिले में एक संक्रमित मिला है। जबकि देहरादून समेत आठ जिलों में कोई संक्रमित मामला नहीं मिला है।
प्रदेश में दो कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें एम्स ऋषिकेश में एक, मैक्स हास्पिटल में एक मरीज ने दम तोड़ा है। अब तक 1697 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 45 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिलाकर 93858 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 600 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।