खलिया टॉप बुग्याल की सैर

by Popcorn Trip
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जैसे स्वीट्स लवर्स में गुलाब जामुन /रोसगुल्ला रसमलाई सुनते ही मुँह में पानी भर जाता हैं, फ़ास्ट फ़ूड लवर्स पिज़्ज़ा बर्गर, मोमो सुनते ही खिल जाते हैं, वैसे ही कुछ भाव  ट्रैकिंग और प्रकृति प्रेमियों को खलिया टॉप सुनकर आते हैं।

खालिया टॉप – दुनिया भर के ट्रेकेर्स की पसंदीदा destination में से एक, उत्तराखंड राज्य में, पिथौरागढ़ जनपद में मुनस्यारी के समीप समुद्र तल से लगभग 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है – खलिया टॉप बुग्याल।

थल मुनस्यारी रोड में, मुनस्यारी से 15 किलोमीटर पहले, बलाती बैंड – सड़क के किनारे है खलिया ट्रेक के लिए प्रवेश द्वार से लगभग 7-8 किलोमीटर के पथारोहण के बाद पहुचते हैं –  खलिया टॉप बुग्याल। ट्रेक का आरंभिक मार्ग – जिसमे मार्ग के एक तरफ पहाड़ी और दूसरी ओर खाई नुमा ढलान है। रास्ते में पत्थर चपटे बिछे है, जिसे पडंजा कहते है।

ट्रेक्किग मार्ग में कहीं कही  इस तरह के मोड से आपको घाटियों, वन क्षेत्र के साथ साथ हिमालया की चोटियों के दर्शन होते हैं। जो कुछ देर के मार्ग की थकान भुला देते हैं। उचाई पर पहुँचने के साथ साथ पैडों की संख्या और उनकी लम्बाई कम होने लगती हैं, पेड़ और वनस्पतियाँ  थोड़ा झुकी हुई, सर्दियों में स्नो फॉल से ये दब कर झुक जाती होंगी और ऊंचाई में बढ़ने के साथ – वृक्षों की संख्या कम और आकार में छोटे होने लगते हैं।

खलिया बुग्याल  –  ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग की तरह है, बर्ड और नेचर फोटोग्राफर के लिए एक खुला मैदान और अनेकों पक्षियों की सैरगाह और उनका आवास। चारों ओर 360 ° के दृश्य दृश्य, खुली घाटी दोनों ओर पैराग्लाइडिंग और airo sports के लिए अनुपम स्थान । खलिया टॉप के पास की ढलानें सर्दियों में स्नो स्कीइंग के लिए इसे आइडियल डेस्टिनेशन बनाती हैं।

खलिया टॉप के जीरो पॉइंट में  अल्पाइन घास के मैदान में पहुच, लगता हैं –  प्रकृति के इतने सुन्दर दृश्यों को अनुभव करने के लिए इतनी चढाई और रास्ते की थकान तो कुछ भी नहीं हैं। यहाँ के खुले मैदान में बैठ यहाँ से हिमालय और नर्म घास के मैदान में बैठ – कर बाकी सब निरर्थक लगता है।

खालिया ट्रेक कर एक ही दिन में वापस नीचे आना हो, तो ट्रेक सुबह जल्दी आरम्भ कर देना चाहिए, सुबह 5 – 6 बजे तक, नहीं तो 7-8 बजे तक अवश्य ही, और ट्रैकिंग करते हुए डिहाइड्रेशन से बचने अपने साथ लिक्विड अवश्य रखें, जिससे शरीर में  नमक और पानी और कमी न हो।

ट्रैकिंग में आने के लिए अपने साथ मुनस्यारी और आस पास की जगहों से गाइड भी ले सकते हैं, बर्फ़ गिरने के दिनों में शीत ऋतू में – बिना गाइड के के कई  अनुभवी trekker भी इस समय  राह भटक सकते हैं।

खलिया की बारे में विस्तार से जानने के लिए देखें विडियो ?


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