DRDO ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनोस्तेर व्हीकल (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) सफलता पूर्वक प्रेक्षण किया है यह टेस्ट भारत के हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की तरफ पहला कदम है आने वाले चार साल बाद उम्मीद कर सकते है की भारत की सेना को यह मिसाइल DRDO द्वारा दे दि जाएगी। DRDO की इस सफलता पर प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री ने ट्वीट करके DRDO के वैज्ञानिको को बधाई दी है।
Congratulations to @DRDO_India for successful flight of the Hypersonic Test Demonstration Vehicle today. The scramjet engine developed by our scientists helped the flight achieve a speed 6 times the speed of sound! Very few countries have such capability today.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2020
इस श्रेणी की मिसाइल तैयार करने की दिशा में भारत भी उन देशो की सूचि में शामिल हो गया है जो इस प्रकार की प्रणाली पर कार्य कर रहे है । अभी तक केवल रूस ,अमेरिका ,फ्रांस , चीन ने इस तरफ कदम बढ़ाये है हालाँकि रूस ने इस मिसाइल को पूर्ण रूप से बनाकर अपनी आर्मी में तैनात किया हुआ है जबकि बाकि देश अभी इस मिसाइल सिस्टम को पूर्ण रूप देने की ओर बढ़ ही रहे है ।
क्रूज मिसाइल अपनी गति के लिए जानी जाती है इनकी रेंज 1000 km तक होती है और ये ध्वनि की गति से चलती है । तीन तरह की क्रूज मिसाइल अभी तक बनाई गयी है ।
- सबसोनिक क्रूज मिसाइल – इनकी गति 0.6 से 0.8 मैक तक होती है यानि ध्वनि की गति से कम होती है ,3M-54 कैलिबर( रूस ) , निर्भय ( भारत ) इस मिसाइल की श्रेणी में आते है।
- सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल – इस मिसाइल की गति 2 से 3 मैक होती है भारत की ब्रह्मोस मिसाइल इसका एक उदाहरण है। ब्रह्मोस जल, थल , वायु कही से भी प्रक्षेपित की जा सकने वाली दुनिया की पहली क्रूज मिसाइल है।
- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल – इस मिसाइल की गति 5 से 6 मैक होगी यह मिसाइल दुश्मन देश के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को भी चमका दे सकती है। S400 जैसे सिस्टम भी इस मिसाइल को डिटेक्ट नहीं कर सकते है क्योकि इसकी गति ध्वनि की गति से 6 गुनी है ।
सबसोनिक और सुपरसोनिक मिसाइल के लिए व्हीकल रैमजेट इंजन पर आधारित होते है। जबकि हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम के लिए (HSTDV) स्क्रैमजेट इंजन पर आधारित होते है।
भारत भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की ओर अपना पहला कदम बढ़ा चूका है । आने वाले कुछ सालो के भीतर यह मिसाइल रक्षा क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
In a historic mission today, India successfully flight tested Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV), a giant leap in indigenous defence technologies and significant milestone towards a #sashaktbharat and #atmanirbharbharat.
— DRDO (@DRDO_India) September 7, 2020