व्यस्त दिनचर्या और थकान भरी जीवनशैली के आप अभ्यस्त हो गयें हो, पर कभी आपको लगे कि आपने अपने और अपनों के साथ अच्छा वक़्त बिताना है, तो अल्मोड़ा आपके लिए एक उपयुक्त स्थान हो सकता है. ये नगर जहाँ एक और ऐतिहासिक महत्व का है, वही सांस्कृतिक, अध्यात्मिक स्थल होने के साथ साथ एक जाना माना पर्यटक स्थल भी है। आईये आज जानते हैं इस नगर को।
अल्मोड़ा, 16 वीं शताब्दी में कुमाऊं साम्राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। एक कथा के अनुसार यह कहा जाता है कि कौशिका देवी ने शुंभ और निशुंभ नामक दानवों को इसी क्षेत्र में मारा था। इसे एजुकेशन हब कहें, जिला मुख्यालय कहें, ऐतिहासिक नगर कहें, कला व सांस्कृतिक केंद्र कहें या खुबसूरत हिल स्टेशन कहें… कितना भी कह लें, कितना ही छूट जायेगा।
यहाँ का मुख्य पोस्ट ऑफिस, रैमजे इंटर कॉलेज, एडम्स गर्ल्स इंटर कॉलेज, GIC आदि कुछ ब्रिटिश कालीन इमारतों में से एक हैं। चितई, नंदा देवी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, हनुमान मंदिर, मुरली मनोहर मंदिर, भैरब मंदिर, पाताल देवी, कसारदेवी, उल्का देवी, बानरी देवी, बेतालेश्वर, स्याही देवी, जागेश्वर, डोलीडाना आस्था के केन्द्र इस शहर की धरोहर हैं।
अल्मोड़ा बस स्टेशन की समीप ही स्थित है अल्मोड़ा नगरपालिका का ऑफिस, साथ ही कई बैंक और सरकारी कार्यलय भी यहीं स्थित हैं।अल्मोड़ा की प्रसिद्द बाल मिठाई की दुकान खीम सिंह मोहन सिंह की दुकान भी यही स्थित है, इसके अलावा अल्मोड़ा के जोगा लाल शाह की बाल मिठाई भी प्रसिद्द है।
अल्मोड़ा के बस स्टेशन से एक मार्ग चढ़ाई को जिसे “सीढ़ी बाजार” के नाम से जाना जाता है, इसी मार्ग द्वारा अल्मोड़ा के मुख्य बाजार – यानी पटाल बाजार पर पहुंचा जा सकता है।
अल्मोड़ा की विस्तृत जानकारी के लिए आप नीचे उपलब्ध विडियो भी देख सकते हैं। ?
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