भारत रत्न’, देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, वर्ष 1954 में स्थापित किया गया था। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र है। यह मानव द्वारा किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/सर्वोच्च क्रम के प्रदर्शन की मान्यता में प्रदान किया जाता है।
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एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को दिया जाता सकता है। आप उनमें से एक हो सकते है। भारत रत्न के लिए सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की आवश्यकता नहीं है।
आप भारत रत्न पाना चाहते है और आपने किसी क्षेत्र में मानव कल्याण के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है तो आप यह जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पहुँचा सकते है। हो सकता है, आपके कार्यों से प्रभावित हो आपका नाम की राष्ट्रपति को संस्तुति की जाये और अगली 26 जनवरी को राष्ट्रपति के हाथों – देश का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेने वाले लोगों में शुमार हो जायें।भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 2 जनवरी 1954 को ‘भारत रत्न’ सम्मान आरंभ किया था। उस वर्ष 3 महानुभावों को यह सम्मान दिया गया था। यह कोई अनिवार्य नहीं है कि, भारत रत्न सम्मान हर साल दिया ही जाए। यह निश्चय किए गए वर्गों में कोई उल्लेखनीय कार्य करने पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को दिया जा सकता हैं।भारत रत्न देने के लिए नामों की सिफारिश भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति से की जाती है। जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा उस व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पदक प्राप्त होता है। पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं होता हैभारत रत्न के वर्ग हालांकि पहले ही चुन लिए गए थे, लेकिन खेल के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भी भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान बाद में किया गया। वर्ष 2014 में सचिन तेंदुलकर खेल के क्षेत्र में भारत रत्न पाने वाले अब तक इकलौते भारतीय हैं।भारत रत्न की डिजाइन:पहले भारत रत्न की डिजाइन में 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण पदक था और इस पर सूर्य बना था। जिसके ऊपर हिंदी में भारत रत्न लिखा हुआ था और नीचे की तरफ पुष्पहार था। इसके पीछे राष्ट्रीय चिन्ह और वाक्य लिखा होता था। इसके बाद रत्न में बदलाव करते हुए तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। इसके नीचे चांदी में भारत रत्न लिखा रहता है।भारत रत्न पाने वाले को मिलने वाली सुविधाएं और भी तथ्य:
- भारत रत्न देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिवर्ष 26 जनवरी को दिया जाता है। 1954 से अब तक 48 लोगों को अलग-अलग क्षेत्र में किए गए विस्मरणीय कार्यों के लिए उनके सम्मान में दिया गया है।
- इस सम्मान को पाने के बाद विजेता को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है। सम्मान प्राप्त करने वाला व्यक्ति देश के लिए वीआईपी होता है।
- इस सम्मान को पहले मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन 1966 के बाद इसे बदल दिया गया और मरणोपरांत भी देने का प्रावधान बनाया गया।
- भारत रत्न 26 जनवरी को दिया जाता हैं। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि भारत रत्न सम्मान हर वर्ष दिया जाएगा। यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह यह सम्मान दे या न दे।
- भारत रत्न एक साल में अधिकतम 3 व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है।
- इस पुरस्कार को 13 जुलाई 1977 से 26 जनवरी 1980 के बीच निलंबित कर दिया था।
- भारत रत्न को 2011 में खेलकूद के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि प्राप्त करने वाले खिलाडियों को सम्मानित करने के क्रम में शामिल किया गया।
- भारत रत्न से सम्मानित पहली भारतीय महिला इंदिरा गांधी थीं।
- सचिन तेंदुलकर को सबसे कम आयु 40 और डीके कर्वे को सबसे अधिक आयु 100 वर्ष में यह सम्मान मिला।
- सुभाष चंद्र बोस को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया, लेकिन एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मरणोपरांत शब्द वापस लिया गया। क्योंकि उनकी मृत्यु को लेकर विवाद था।भारत रत्न के संबंध में कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि यह केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाएगा।
- 1987 में विदेशी मूल के पहले व्यक्ति खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1980 में मदर टेरेसा को साल 1990 में नेल्सन मंडेला भी भारत रत्न से नवाजा गया।
- भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर वीआईपी का दर्जा मिलता है।
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ये गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर भी भाग ले सकते हैं।
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इन्हें हवाई जहाज, ट्रेन या बस में निशुल्क यात्रा की छूट दी जाती है।
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भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति अगर किसी राज्य में घूमने जाते हैं, तो उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है।
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। हालांकि, वे अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में ‘राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न’ या ‘भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता’ जोड़ सकते हैं।
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