Online Payment: App का उपयोग करते समय ये सावधानियां बरतें

by Neha Mehta
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फोन इंटरनेट के आने से हमारा जीवन काफी हद तक आसान हो गया है। हमें सारी सुविधाएं अपने फोन में ही मिल जाती हैं। जिन सुविधाओं में से एक नेट बैंकिंग हैं। इनके आने से जितनी हमें सुविधाएं मिली हैं उतने ही फ्रॉड के केस सामने आ रहे हैं।

इसी के चलते नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसाई) और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ यूपीआई, डिज़िटल पेमेंट क्षेत्र में बाज़ार के अन्य खिलाड़ियों पर पाबंदियां लगाने की कोशिश कर रहा है। चूंकि अधिकांश यूपीआई लेनदेन गूगल पे, पेटीएम और फ़ोनपे जैसी थर्ड पार्टी कंपनियों के ऐप के द्वारा किया जाता है, इसलिए ऐसे नियम बनाने की कोशिशें की जा रही हैं कि इनके द्वारा होने वाले लेनदेन 30 प्रतिशत से अधिक न हों।

अगर ये नियम लागू होते हैं तो डिज़िटल पेमेंट ऐप के इस्तेमाल के नियमों में बदलाव होंगे। शायद हर महीने लेनदेन की संख्या को सीमित करने का नियम भी बनाया जाए।

थर्ड पार्टी ऐप ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के निशाने पर होते हैं, सरकार इन्हें रोकना चाहती है। इसीलिए इनका इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। जिससे हम किसी फ्रॉड के विक्टिम न बने।

मोबाइल पेमेंट ऐप्स

नेट बैंकिंग से पैसे ट्रांसफर करते हुए दूसरे बैंक खाते से जुड़ा हुआ फोन नंबर पता होना जरूरी होता हैं। हालांकि अकाउंट खोलते समय या बाद में नंबर खाते से जोड़ा जा सकता है।

यूनीफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (यूपीआई), एक ऐसी तकनीक है जो इन जानकारियों के बिना भी किसी को भी पैसे ट्रांसफ़र करने की सुविधा देती है। बस आपको, पैसे पाने वाले का फ़ोन नंबर पता होना चाहिए।

गूगल पे, पेटीएम, फ़ोनपे, व्हाट्सऐप जैसे कई ऐप हैं जो ये सुविधा देते हैं।  लेकिन इन ऐप्स से पैसे भेजना जितना आसान है, उतना ही जोखिमभरा भी हो सकता है, यदि आपको इसकी सही जानकारी न हो तो।

इस तरह की सेवा देने वाले कई नए ऐप भी बाज़ार में तेज़ी से आ रहे हैं। ऐसे में ये बात जानना ज़रूरी है कि इनमें से कौन से ऐप भरोसेमंद हैं और किनसे दूर रहने में ही भलाई है।

लेन-देन के लिए ऐप छाटते हुए ये बातें ध्यान में रखें

प्ले स्टोर/ ऐप स्टोर पर इस ऐप की रेटिंग और रिव्यू देखें।

ऐप को इस्तेमाल करने के लिए लॉग-इन करने की ज़रूरत है, और अगर है तो लॉग-इन के नियम सुरक्षित होने चाहिए हैं।

इसमें आसानी से पता न किया जा सकने वाला पासवर्ड बनाने की सुविधा होनी चाहिए है।

फ़ोन ओपन करते समय पासवर्ड देने के बाद भी जब ऐप इस्तेमाल किया जाता है, उस समय भी पासवर्ड क जरूरत होनी चाहिए।

जब ऐप से मार्फ़त पैसा ट्रांसफ़र किया जाता है या प्राप्त किया जाता है तो नोटिफ़िकेशन आना चाहिए।

पैसा ट्रांसफ़र करने से पहले ये आपकी मंज़ूरी माँगना जरूरी होनी चाहिए, और एक बार ग़लती होने पर उसे सुधारने का प्रावधान भी बेहद जरूरी है।

ऐप इंस्टाल करने से पहले मागी जाने वाली परमिशन को ध्यान से देखना चाहिए। ऐप परमिशन में कहीं ऐसा प्रावधान नहीं होना चाहिए जिससे डाटा को किसी थर्ड पार्टी कंपनी को भेजा जा सकता हो।

इन सारे सवालों के जवाब के आधार पर आप ये तय कर सकते हैं कि कौन सा ऐप बाज़ार में सबसे सुरक्षित है। और ये जरूरी भी है।

मोबाइल ऐप इस्तेमाल करते हुए सावधानियाँ

 मल्टी फ़ैक्टर ऑथंटिकेशन (MFA):

अगर आप इसे सक्रिय करते हैं तो केवल यूज़र नेम या पासवर्ड देने की बजाय, यह मोबाइल या मेल पर ओटीपी भेजता है। जब सही ओटीपी डाला जाता है तभी ऐप जानकारियां दिखाएगा। इसलिए इसे ज़रूर इनेबल करें।

नोटिफ़िकेशन ज़रूर ऑन करेः

अगर अपने खाते में जमा या निकासी के समय आने वाले नोटिफ़िकेशन को ऑन रखते हैं, तो खाते से अगर बिन बताए पैसे निकाले गए तो इसकी जानकारी तुरंत आपको मिल जाएगी।  ऐसी स्थिति में कोई ग़लत ट्रांज़ैक्शन होने पर आप तुरंत ज़रूरी कार्रवाई कर सकते हैं।

मोबाइल नोटिफ़िकेशन के साथ-साथ एसएमएस/इमेल को भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि अगर आप बैंक बैलेंस बताने वाले एसएमएस को पढ़कर कुछ दिन बाद डिलीट कर देते हैं तो ये कोई समस्या नहीं रहेगी। वरना अगर कोई आपका फ़ोन चुरा लेता है और इसे अनलॉक कर देता है या आपकी लापरवाही की वजह से यह अनलॉक रह गया तो आपके खाते की जानकारी दूसरों को भी हो सकती है।

ऐप के लिए पासकोडः

आम तौर पर हमारे फ़ोन में पासवर्ड डालते ही ऐप में प्रवेश किया जा सकता है। इसलिए एक बार लॉग-इन करने के बाद ऐप की सेटिंग ठीक करने आपको ख्याल रखना चाहिए। ताकि अगर आप ऐप को हर बार खोलते समय पासकोड ज़रूरी बना दें तो यह और सुरक्षित हो जाएगा।

मोबाइल ऐप अपडेट्सः

जब ऐप इंस्टाल किया जाता है तो यह अपडेट होता है। ये ख़ासतौर पर सुरक्षा उपाय को और पुख़्ता करने के लिए होता है। तो इन्हें बिना देर किए अपडेट करते रहना चाहिए। ऐसे अपडेट को ऑटोमेटिकली भी सेट किया जा सकता है।

पैसे भेजने से पहले चेक करें:

भुगतान करने के कई तरीक़े हैं- फ़ोन नंबर देना, यूपीआई आईडी देना, क्यूआर कोड को स्कैन करना या किसी लिंक से भुगतान करना। आपको इन जानकारियों को दो बार चेक करना चाहिए, नहीं तो भुगतान ग़लती से किसी और को हो सकता है या फिर आप किसी ठगी का शिकार हो सकते हैं।

अगर आप पहली बार किसी को पैसे भेज रहे हैं तो आप पहले पांच रुपये जैसी छोटी राशि भेजें, अगर सही व्यक्ति को पैसा पहुंचा तब कुल राशि भेजें।

मोबाइल पेमेंट को नकदी की तरह ही लेना चाहिएः

अगर हम ग़लती से किसी को नकद रुपया देते हैं तो उससे वो वापस लेना लगभग असंभव हो जाता है जब तक कि वो खुद वापस न करे।  इसलिए मोबाइल से भुगतान के मामले में भी ऐसा ही होता है। फ़्रॉड में खोया हुआ पैसा कभी वापस नहीं मिलता।

अगर ये डिज़िटल पेमेंट है और भले ही आप जानते हैं कि अगर ट्रैक किया जाए तो पता चल ही जाएगा, तब भी ये वापस नहीं मिलेगा।  इसलिए आपको पैसा ख़र्च करते समय दोहरी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। जल्दबाज़ी न करें, संदेह ज़रूर करें।

फ़ोन इस्तेमाल करते समय ध्यान रहे

पेमेंट ऐप वाले किसी फ़ोन को सुरक्षित रखना चाहिए।  इसमें अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत है।  ये सावधानियां इस प्रकार हैं-

  • फ़ोन में पासवर्ड या पासकोड ज़रूर होना चाहिए।  फ़ेस रिकग्निशन या फिंगरप्रिंट के अलावा भी सुरक्षा के उपाय होने चाहिए। क्योंकि कोई भी ज़बरदस्ती आपका फ़िंगरप्रिंट ले सकता है, कोई भी तब तक पासवर्ड नहीं जान सकता जब तक आप उसे नहीं बताते।
  • फ़ोन में ऐसी सेटिंग करें कि अगर तीन बार ग़लत पासवर्ड डाला जाए तो वो अपने आप लॉक हो जाए। अगर किसी चोर के हाथ में भी ये फ़ोन पड़ जाए तब भी और जानकारी उसे नहीं मिलनी चाहिए।
  • मोबाइल ऐप का पेमेंट पासवर्ड सुरक्षित होना चाहिए।
  • अगर आप एक से अधिक पेमेंट ऐप इस्तेमाल करते हैं तो सभी के लिए एक ही पासवर्ड न इस्तेमाल करें।  अलग ऐप के लिए अलग पासवर्ड चुनें। अगर एक ऐप का पासवर्ड लीक होता है, तो बाकी सुरक्षित रहेंगे।
  • अगर आपके फ़ोन में पेमेंट ऐप पहले से मौजूद है तो गेमिंग या लॉटरी ऐप इंस्टाल करने से पहले अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत है। अगर किसी फर्ज़ी ऐप के ज़रिए कोई मैलवेयर आपके मोबाइल में आ जाए तो वो पेमेंट ऐप के जरिए आपको भरी नुकसान पहुँचा सकता है।

फ़ोन खो जाए तो ये सावधानियां बरतें

  • पेमेंट ऐप वाले मोबाइल फ़ोन में ट्रैकिंग को ज़रूर ऑन रखें। सभी कंपनियां अब फ़ोन का लोकेशन जानने की सुविधा प्रदान करती हैं।
  • अगर फ़ोन में “रिमोट डाटा इरेज़” फ़ीचर ऑन है तो फ़ोन खोने की स्थिति में जैसे ही यह इंटरनेट के संपर्क में आएगा सभी डाटा अपने आप मिट जाएगा। ऐसी स्थिति में कोई दूसरा व्यक्ति पेमेंट ऐप के पैसे नहीं निकाल सकता।
  • अगर फ़ोन खो गया है तो अपने खाते का पासवर्ड तुरंत बदल दें। इस स्थिति में कोई आपके पेमेंट ऐप से पैसे नहीं निकाल पाएगा।

अतः अपने फोन और पेमेंट अप्प में ये सभी सावधानियाँ बरते जिससे आपको कभी ऐसे असुविधा का सामना न करना पड़े।



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