द्वाराहाट, उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिला का एक प्राचीन नगर है। यह स्थान रानीखेत से लगभग 21 किमी की दूरी पर बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान केंद्र रहा है। द्वाराहाट में तीन वर्ग के मंदिर है – कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव। इसकी सांस्कृतिक महत्व के कारण, द्वाराहाट को “उत्तरा द्वारका” के रूप में भी जाना जाता है।
पुरातात्विक रूप से, द्वाराहाट के 55 मंदिरों के समूह को 8 समूह में विभाजित किया जा सकता है।| गुज्जर देव, कछारी देवल, मांडवे, रतन देवल, मृत्युंजय, बद्रीनाथ और केदारनाथ। इन मंदिरों का निर्माण 10 से 12 सदी के बीच किया गया था। अधिकतर मंदिर मूर्ति विहीन हैं।
यह जगह पुराने जमाने में कत्युरी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। कुछ समय से हासिये पर रहा यह शहर, अब आधुनिकरण की दौड़ में शामिल हो गया है। आज यहाँ पर एसडीएम कोर्ट, पुलिस थाना, पेट्रोल पम्प, महाविद्यालय, चार इण्टर कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पाँलिटेकनिक, होटल मैनेजमैंट, आधुनिक होटल रेस्तरां, अच्छी खासी मार्केट है। द्वाराहाट साह चौधरी समाज का गढ़ रहा है, यहाँ आस पास के दर्शनीय स्थल है योगदा आश्रम, दुनागिरी मंदिर, पाण्डुखोली, गिवाड़, तड़कताल, लखनपूर आदि हैं।
(प्रस्तुति एवं चित्रकारी: जगमोहन साह लाला बाज़ार अल्मोड़ा)
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