विजया एकादशी – 2021

0
161
vijaya ekadashi

विजया एकादशी 2021 हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता हैं । यह एकादशी शिवरात्रि से दो दिन पहले पड़ती है

इस दिन शुभ मुहूर्त में व्रत रखते हुए विधि–विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। शत्रुओं को परास्त करने के लिए और अपने कार्यों को सफलता प्राप्ति के लिए विजया एकादशी का व्रत किया जाता है।

विजया एकादशी का व्रत महत्व आप उसके नाम से ही समझ सकते हैं। विजया का अर्थ हैं विजय की प्राप्ति अर्थात आपको किसी अभीष्ट कार्य में सफलता प्राप्त करनी हैं तो आपको विजया एकादशी का व्रत करना चाहिए ।

विजया एकादशी के विषय में प्रचलित कथा

बहुत समय पहले की बात है द्वापर युग में धर्मराज युद्धिष्ठिर को फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। उन्होने अपनी शंका भगवान श्री कृष्ण के सामने प्रकट की। भगवान श्री कृष्ण ने फाल्गुन एकादशी के महत्व व कथा के बारे में बताते हुए कहा कि हे कुंते कि सबसे पहले नारद मुनि ने ब्रह्मा जी से फाल्गुन कृष्ण एकादशी व्रत की कथा व महत्व के बारे में जाना था, उनके बाद इसके बारे में जानने वाले तुम्हीं हो, बात त्रेता युग की है जब भगवान श्री राने म माता सीता के हरण के पश्चात रावण से युद्ध करने लिये सुग्रीव की सेना को साथ लेकर लंका की ओर प्रस्थान किया तो लंका से पहले विशाल समुद्र ने रास्ता रोक लिया।

समुद्र में बहुत ही खतरनाक समुद्री जीव थे जो वानर सेना को हानि पंहुचा सकते थे। चूंकि श्री राम मानव रूप में थे इसलिये वह इस गुत्थी को उसी रूप में सुलझाना चाहते थे। उन्होंने लक्ष्मण से समुद्र पार करने का उपाय जानना चाहा तो लक्ष्मण ने कहा कि हे प्रभु वैसे तो आप सर्वज्ञ हैं फिर भी यदि आप जानना ही चाहते हैं तो मुझे भी स्वयं इसका कोई उपाय नहीं सुझ रहा लेकिन यहां से आधा योजन की दूरी पर वकदालभ्य मुनिवर निवास करते हैं, उनके पास इसका कुछ न कुछ उपाय हमें अवश्य मिल सकता है।

फिर क्या था भगवान श्री राम उनके पास पंहुच गये। उन्हें प्रणाम किया और अपनी समस्या उनके सामने रखी। तब मुनि ने उन्हें बताया कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को यदि आप समस्त सेना सहित उपवास रखें तो आप समुद्र पार करने में तो कामयाब होंगे ही साथ ही इस उपवास के प्रताप से आप लंका पर भी विजय प्राप्त करेंगें। समय आने पर मुनि वकदालभ्य द्वारा बतायी गई विधि के अनुसार भगवान श्री राम सहित पूरी सेना ने एकादशी का उपवास रखा और रामसेतु बनाकर समुद्र को पार कर रावण को परास्त किया।

इस वर्ष विजया एकादशी 9 मार्च 2021 को मनाई जा रही हैं।