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लड़की ये जानती थी (कविता)

by Atul A

Case 1

लड़के ने लड़की के चेहरे को देखा, लड़की ने देखी ताकत (पढ़ें दौलत),
लड़के ने पूछा मोहब्बत करेगी?, लड़की ने भर दी हामी।

उप्पर ? लिखा कुछ ज्यादा ही छोटा और स्ट्रैट हो गया है, आइए इसको थोड़ा रूमानी और रोचक बनाए और थोड़ा जज्बाती होया जाये। ?

Case 2

लड़के ने लड़की की सीरत को देखा, लड़की ने देखा दिल को
लड़का सकुचाया, थोड़ा घबराया और थोड़ा शरमाया,
सोचा वो क्या सोचेगी, दोस्तों से अपने क्या बोलेगी,
कहानी ऐसे ना आगे बड़ पायी।
अब थी बारी और थी जिम्मेदारी, लड़की की,
लड़की ने सोचा, कह दूं तो, कहीं ना वो कह दे!

लड़की को पता था या वो जानती थी, लड़के को अपना मानती थी,
थोड़ा आगे बढ, पीछे होने में को मजा है, उसके नशे को पहचानती थी।

लड़के को मिल गया था कुछ और वक़्त,
और अहसास भी था कि, वो (वक़्त) ज्यादा ना बचा है,
अपनी सांसों को, अपनी धड़कन को काबू कर और जज़्बातों को बेकाबू कर,
कलेजे को मजबूत कर, ले आया जुबान पर जो दिल में था।

लड़की थोड़ा शरमाई थी थोड़ा अच्कचाई,
बिन कुछ बोले ही चली आयी

लड़का जड़वत, थोड़ा घबराया, फिर ज्यादा घबराया
लौट गया अपने शहर को, डूबा रहा उसी के खयालों में।

लड़की ने लिखा खत, और वो था खाली,
भिजवाया लड़के को, लड़के ने पाया, पाया नहीं कुछ खत में लिखा,

अब वो तड़पा, मिलने को तरसा,
लड़की के शहर आया, इंतजार के बाद पाया मिलने का मौका।
पूछा इसमें क्या लिखा है!
लड़की बोली इसमें है हालत मेरी,
जो शब्दों से बयां मुश्किल है, बेहतर ये होगा कहना कि,
तुम ही मेरे जवाब हो,
तुम्हीं ही तो हो, जो मेरे ख्वाब हो,
पर मैं ना चाहती थी ये, कह के मैं पीछे हट जाऊं
इसलिए उस वक़्त ना बोल के,
ले लिया था कुछ वक़्त तुम्हारा ही तुमसे….

… कुछ पलों की खामोशी और था सन्नाटा

लडके के चेहरे में सुकून और थे आंखो में थे कुछ आंसू,
और लड़की के चेहरे में मुस्कान थी, और आंखो में चमक।

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