उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने राज्य के बजट 2020 के घोषणा के दौरान गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण के राजधानी बनने से पर्वतीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा और पर्वतीय क्षेत्र की योजनाओं को गति मिलेगी।
गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग सबसे पहले 60 के दशक में उठी थी, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की सबसे पहली मांग का श्रेय पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को जाता है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए कई आंदोलन हुए और इसकी मांग तेज होने लगी थी।
गैरसैण उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। उत्तराखंड राज्य के मध्य में होने के कारण कई बार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए मांग उठी है। उत्तराखंड की लगभग 70% जनता गैरसैंण को स्थाई राजधानी के रूप में चाहती है।
गैरसैण समुद्र की सतह से 5750 फुट की ऊंचाई पर स्थित अति सुंदर मैदानी भाग है। गैरसैण में कुमाऊनी और गढ़वाली मिश्रित बोलियां बोली जाती हैं।
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