आसुओं को बया नही कर सकता (कविता )

आंसुओं को बंया कर नही सकता,
आंसुओं को कहने का नहीं मैं वक्ता,
आंसुओं का मोल नहीं गिन सकता,
आंसुओं की गिनती नहीं कर सकता,

प्रेम में आंसू, सुख में आंसू,  दुख में आंसू, खुशी में आंसू,
आंसूओं की रसधार को जान नहीं सकता,
जब तक आंसूओं को अपना मान नहीं सकता,
एहसास है, आंसू,
एक सांस आंसू,
सबके लिए है खास आंसू,
आंसूओं की धार मानवता से निकले,
आंसूओं की गंगा मैं ममता भी फिसले,
आंसू ख्वाहिशें हैं,
जज्बात भी आंसू,
हृदय के रूदन की आंसू,
अंदर के भावनाओं की आंसू,
भावनाओं के प्रेम की आंसू,
मन और सपने की दिवार आंसू,
नयन सेज पर सोये आंसू,
जब कुछ खोये तो छलके आंसू,
आंसूओं से मुस्कान कभी,
दुखों की दुकान कभी,
कल्पनाओं में भी बहते आंसू,
भावनाओं के भीतर आंसू,
कुछ होते हैं बंया आंसू,
कुछ छिप जाते हैं,
कुछ दिखावटी के आंसू,
कुछ होते सहनशीलता के,
अंदर की तडप है आंसू,
दिल का बिखराव है आंसू।

रोहित जोशी

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