माडुआ / मंडुआ एक प्रकार का अनाज है जो उत्तराखंड पहाड़ियों में उगाया जाता है। माडुआ रोटी को अच्छा पाचन संबंधी भोजन माना जाता है गढ़वाल और कुमाऊं में यह रोटी जहां ठंडे सर्दियों के दिनों में भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है वही साथ साथ एक पोष्टिक आहार भी कहलाती है , जिससे की मंडुआ (उंगली बाजरा) का शरीर पर गर्मजोशी प्रभाव पड़ता है। “मांडू की रोटी” (उंगली बाजरा बीज) आपके भोजन को अत्यधिक पौष्टिक बनती है , यह कैल्शियम का बहुत समृद्ध स्रोत है और उत्तराखंड की पहाड़ियों में बहुत लोकप्रिय है।
माडुआ की रोटी के लिए सामग्री:
मंडुआ आटा 500 ग्राम
पानी २ कप
घी 1 चम्मच (ग्रीस के लिए)
बनाने की विधि :
चिकना आटा बनाने के लिए पर्याप्त पानी के साथ आटा को मिलाएं और गूंध ले
गीले हाथ पर मंडुआ के आटे की लोई ले । मंडुआ आटे की चपाती नियमित गेहूं की चपाती से मोटी बनती है
लोहे के तवे पर चपाती को बनाये ध्यान रहे मंडुआ आटे की चपाती नियमित गेहूं की चपाती के सामान नही फूलती.
घी के साथ ग्रीज़ और गुड़ (गूड) या किसी भी पहाड़ी करी के साथ सर्वे करें