ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट जानिए स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ

Rishikesh Karnprayag Rail Project

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत जहां पूर्व में 12 स्टेशन प्रस्तावित थे, अब ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे स्टेशनों की संख्या 13 होगी।। पौड़ी जिले में मलेथा के समीप जनासू में एक नया स्टेशन निर्धारित किया गया है।

ऋषिकेश की जानकारी देता विडियो देखें ?

ज्ञात हो कि इन दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। रेल विकास निगम ने इस परियोजना को कुल 10 पैकेज में विभक्त किया है। इसके अंतर्गत पैकेज-1 का काम पूरा हो चुका है। पैकेज-1 में ऋषिकेश के वीरभद्र स्टेशन (पुनर्निर्माण) से योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन (नया निर्माण) व इससे आगे ढालवाला तक चंद्रभागा नदी पर रेल ब्रिज का काम शामिल था। रेल विकास निगम ने लॉकडाउन से पहले पैकेज-1 का काम तकरीबन पूर्ण कर दिया था। वर्तमान में ढालवाला चंद्रभागा नदी पर रेल ब्रिज का निर्माण कार्य हो रहा है, जबकि योग नगरी ऋषिकेश व वीरभद्र के बीच ट्रेन का सफल ट्रायल भी हो चुका है।

परियोजना के अन्य नौ पैकेज में से आठ निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। अब सिर्फ पैकेज-4 में निर्माण शुरू होना बचा है। इस पैकेज की टेंडरिंग की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गयी है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि पैकेज-4 में देवप्रयाग से जनासू तक 14.5 किलोमीटर लंबी सुरंग (tunnel) का निर्माण किया जाना है। इसी के तहत जनासू में रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है।

ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल परियोजना के आकार लेने पर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक का सफर करीब ढाई-तीन घंटे में तय होगा। इससे चारधाम यात्रियों को तो सहूलियत मिलेगी ही, स्थानीय लोगों को भी बेहतर संपर्क कनेक्टिविटी मिल सकेगी।

यह होगा रेलवे स्टेशनों का क्रम और नाम

1 – वीरभद्र, 2 – ऋषिकेश, 3 – शिवपुरी, 4 – व्यासी, 5 – देवप्रयाग, 6 – जनासु, 7 – मलेथा, 8 – चौरास (श्रीनगर), 9 – धारी देवी, 10 – सुमेरपुर (रुद्रप्रयाग), 11 – घोलतीर, 12 – गौचर, 13 – सेवई(कर्णप्रयाग)

पौड़ी जिले में अब तीन स्टेशन होंगे

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गढ़वाल मंडल के पांच जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली को जोड़ रही है। इस परियोजना के तहत जनासू में नया रेलवे स्टेशन शामिल होने से अब पौड़ी जिले में रेलवे स्टेशनों की संख्या तीन हो जाएगी। दो स्टेशन देवप्रयाग और धारी देवी भी इसी जिले में हैं।

ओमप्रकाश मालगुडी (परियोजना प्रबंधक, रेल विकास निगम) ने बताया, कि देवप्रयाग से मलेथा की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक हो रही थी, जबकि रेलवे के नियमानुसार 10 से 15 किलोमीटर पर रेलवे स्टेशन होना चाहिए। पौड़ी जिले के निकटवर्ती गांवों को भी इस परियोजना से लाभान्वित करने के लिए अलग से जनासू में रेलवे स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है।

कर्णप्रयाग की जानकारी देता विडियो देखें ?

 


उत्तरापीडिया के अपडेट पाने के लिए फ़ेसबुक पेज से जुड़ें।

Related posts

Black Friday ब्लैक फ़्राइडे कहाँ से और कैसे शुरू हुआ!

Binsar: Unveiling the Himalayan Splendor in Uttarakhand’s Hidden Gem

Uttarakhand: Discover 50 Captivating Reasons to Visit