डिजिटल फ्रॉड:   डिजिटल फ्रॉड से ऐसे बचें!

स्मार्टफ़ोन और इंटरनेट ने हमारी ज़िंदगी को काफी आसान बना दिया हैं।

हर समय  स्मार्टफ़ोन रखना और इंटरनेट से जुड़े रहने की लोगों की ज़रूरत के कारण, फ्रॉड करने वालों को भी ज़्यादा  मौक़े मिल गये है।

 ऑनलाइन-फ्रॉड बहुत तेज़ी से होता है। कुछ ही सेकंड्स में आपका पैसा और सारा डेटा ग़ायब हो सकता है।

ऑनलाइन-फ्रॉड करने वालो के तरीके थोड़े अलग हो सकते हैं, लेकिन उनका लक्ष्य आपका डेटा, धन या सूचना  चुराना होता है।

'ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों से निपटने के लिए क़ानून बने हैं, लेकिन क़ानून के लागू होने के सीमा के बाहर यानी दूसरे देशों से भी संचालित होते है। 

साथ ही तकनीक की क्षमताओं और क़ानून की सीमाओं के कारण ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों पकड़ना आसान नहीं होता। 

 ये अपराधी दुनिया के किसी भी हिस्से में मौजूद अपने शिकार को आराम से निशाना बना सकते हैं।

जब तक फ्रॉड के एक तरीक़े को लोग समझते है। ये किसी अन्य तरीक़े से फ्रॉड करना शुरू कर देते है।  

ऑनलाइन फ्रॉड में सबसे अधिक लोगों के फ़ोन OTP को शेयर करने को कहा जाता है। ये कभी ना करें।  

ऑनलाइन शॉपिंग या ऑनलाइन बैंकिंग के लिए पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल से बचें। फिशिंग ईमेल पर पैनी नजर रखें। 

ख़ुद को अपडेट रख, और पर्याप्त सावधानी और जानकारी से ख़ुद को धोखे से बचा सकते हैं।

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