उत्तराखंड के प्रमुख चार धाम।

उत्तराखंड के प्रमुख चार धामों में सबसे पहली यात्रा जो आती है वह हैं यमुनोत्री ,दूसरी हैं गंगोत्री ,तीसरी हैं केदारनाथ और चौथी बद्रीनाथ। हिमालय की वादियों में बसे ये चारों धाम प्रत्यक्ष जीवन दायनी हैं। इस जीवन को अगर धन्य बनाना हो तो देव भूमि उत्तराखंड के इन चार धामों की यात्रा मानव को एक बार अवश्य करना चाहिए।

यहां के सौंदर्य की जितनी प्रसंशा कि जाय कम होगी। यात्रा का श्री गणेश हिमालय के चरणकमलों से यानी हरिद्वार से शुरू होती है। यहीं पर गंगा पहाड़ों से उत्तर कर पहली बार धरती पर आती है। यहीं से हिमालय पर्वत की श्रृंखलाएँ लोगों को दिखाई देने लगती है। इसे मायापुरी ,हर का द्वार ,स्वर्ग का द्वार आदि नामों से जाना जाता है।

चार धाम का महत्व:

 सनातन काल से ही इन चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री व गंगोत्री का विशेष महत्व माना गया है। पहले के समय जब यहाँ तक जाने के लिए पर्याप्त सडको का निर्माण नहीं हुआ था तब लोग कई हजार किमीo का सफर तय करके इन मंदिरो के दर्शन हेतु जाते थे व इनके दर्शन मात्र से ही अपने आप को धन्य मानते थे। उत्तराखंड के इन चार धामों की यात्रा केवल गर्मियों के महीने में अर्थात जून से नवम्बर तक होती है। उसके बाद यहाँ पर अत्यधिक बर्फ गिरने के कारण आम मनुष्यो के लिए यहाँ तक पहुँचना नामुमकिन हो जाता है। उस समय वहाँ केवल भारतीय सैनिक व कुछ सिद्ध महात्मा ही अपनी सिद्धि के कारण रह पाते है।

इन चार धामों के बारे में मान्यता है की जो इन चारो धामों के दर्शन कर लेता है वो जीवन व मृत्यु के चक्र से छूट जाता है तथा मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। इन चारो धामों में से बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री अर्थात भगवान विष्णु को समर्पित है। इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम भगवान शिव, गंगोत्री धाम माता गंगा को समर्पित है जहॉ से पवित्र गंगा नदी का भी उद्गम होता है तथा यमुनोत्री धाम से यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है।

समय के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्धारा यहाँ जाने के लिए अच्छी सडको व हेलीकॉप्टर से जाने का भी इंतजाम किया जा चुका है जिस कारण अब यात्री आसानी से वायु मार्ग व सड़क मार्ग के द्वारा इन मंदिरो की यात्रा आसानी से कर पाते है |

चार धाम यात्रा क्यों की जाती है?

 मान्यताओ के अनुसार उत्तराखंड चार धाम की यात्रा से इन्सान जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है. जो लोग इस यात्रा को श्रधापूर्वक करते है उनके सब पाप धुल जाते है और मन शांत हो जाता है.

चारधाम यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

चारधाम यात्रा सीजन मई से शुरू होता है और नवंबर में समाप्त होता है। उस समय के दौरान यात्रा करना सबसे अच्छा है क्योंकि चारधामों में अन्य महीनों के मौसम के दौरान बहुत अनिश्चित हो सकता है से नवंबर तक की समय अवधि के दौरान, मौसम सबसे अधिक यात्रा के अनुकूल रहता है।

इस तरह आप चारधाम यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं।

चार धाम यात्रा में कैसे पहुंचे।

हवाई मार्ग – जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून

ट्रेन मार्ग – हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है वहा से आप चार धाम के लिए सीधे शेयरिंग टैक्सी, परसनल टैक्सी, या बस ले सकते है.

सड़क मार्ग – चार धाम जाने के लिए आप हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से आराम से जा सकते हैं जहा पर टैक्सी और बस की सारी सुविधाएं उपलब्ध है।

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