विश्व के सबसे ऊंचे शिवालय तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के प्राचीन मंदिर को राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित किया जाएगा। अगले वर्ष से मंदिर के सभामंडप के संरक्षण का कार्य शुरू होगा। मंदिर व परिसर के संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
निरीक्षण करते हुए अधिकारियों ने पाया कि मंदिर के सभामंडप की स्थिति दयनीय है। विभाग द्वारा मंदिर को सुरक्षित व संरक्षित कर राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में मंदिर के संरक्षण की योजना तैयार की गई।
एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा तृतीय केदार में बीते एक वर्ष से यात्री सुविधा से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही मंदिर के नीचे की तरफ सुरक्षा दीवार का निर्माण भी किया जा रहा है। एडीबी द्वारा मंदिर परिसर में कडप्पा पत्थर भी बिछाया गया है। इसके अलावा आकाश कुंड को भी संरक्षित किया जा रहा है।
डा. आरके पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्, देहरादून मंडल