भारत करेगा पूरी दुनिया को रोशन

भारत सरकार का नया प्रोजेक्ट जो पूरी दुनिया को रौशनी देगा। इस प्रोजेक्ट का नाम है – एक सूर्य एक दुनिया एक विद्युत ग्रिड। 

यह एक ऐसा सिस्टम होगा जिससे पुरे ग्लोब पर सोलर पावर सप्लाई दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट से दुनिया को सोलर पावर बेचकर अच्छा मार्केट स्थापित किया जायेगा, जिससे अच्छी मात्रा में रिवेन्यू भारत सरकार को प्राप्त होगा।  

PROJECT NAME – “ONE SUN ONE WORLD ONE GRID” (OSOWOG)

                                 PROJECT MANTRA- “SUN NEVER SETS”

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस विशाल प्रोजेक्ट के बारे में, अपने विगत भाषणों में दो राष्ट्रीय पर्वो के मौको पर बताया था। उन्होंने कहा था की वो छोटा सपना नहीं देखते, इस बड़े सपने को आने वाले वर्षो में अवश्य पूरा करेंगे। इससे पहले वो 2018 की अन्तराष्ट्रीय सोर गठबंधन की पहली बैठक में इसके बारे में बता चुके थे। (INTERNATIONAL SOLAR ALLIANCE HEAD QUATER- GURUGRAM)

सोर ऊर्जा आने वाले वर्षो में पूरी दुनिया की पावर सप्लाई का एक मात्र साधन होगा। पृथ्वी में उपस्थित ऊर्जा के भण्डारो का दोहन बहुत तेज गति से हो रहा है। इसलिए आने वाला कल पूरी तरह सोर ऊर्जा पर निर्भर रहेगा। यह एक रेन्यूबल ऊर्जा का स्त्रोत है। जो पर्यावरण और प्रकृति  को कोई नुकसान नहीं पहुँचाता है। इसलिए भारत सरकार भी पुरी दुनिया को पावर सप्लाई देने के लिए इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है।

इस प्रोजेक्ट का आईडिया यह है- क्योंकि हमारी पृथ्वी दो तरह की गति करती है।
1-परिक्रमण वार्षिक गति 2-घूर्णन दैनिक गति जिससे दिन व रात होते है।
इस प्रोजेक्ट के तहत पूरी दुनिया के अनेक हिस्सों में सोलर पैनल व अन्य विधियों से सोलर विद्युत पैनल बनाये जायँगे।

जिस पृथ्वी के हिस्से में दिन होगा वहा पर इस पैनल से विद्युत् उत्पादन करके जिस हिस्से में रात होगी वहां पावर सप्लाई भेजी जाएगी और यह विपरीत क्रम से चलता रहेगा। एक ग्रिड से 140 देशों को इससे जोड़ा जायेगा।

इस प्रोजेक्ट के लिए विद्युत ग्रिड समुद्रो से दुनिया के सभी हिस्सों में पहुँचायी जाएगी। इसे समुद्रों से  बिछाने का कारण हमारे पड़ोसी दुश्मन देश है। जो हमें अन्य देशों को इस पावर ग्रिड से जोड़ने में अवश्य रोकेंगे। जैसे पाकिस्तान हमें यूरोप और सेंट्रल एशिया में जुड़ने के बीच में बहुत बड़ा रोड़ा है । इसी तरह चीन भी ,

यह प्रोजेक्ट को तीन फेज में पूरा किया जायेगा-

पहले फेज में मध्य पूर्वीय क्षेत्र, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया, (जिसमें श्रीलंका ,यूएई  और बाकि सब आसिआन देश आते है।) को पॉवर ग्रिड से जोड़ा जायेगा।

दूसरे फेज में अफ्रीका के देशों को, (अफ्रीका एक बहुत बड़ा मार्केट एरिया है यहां से बहुत ज्यादा रिवेन्यू बनाया जा सकता है।)

तथा तीसरे फेज में सभी क्षेत्रों को इससे जोड़ लिया जायेगा।

हालांकि ऑस्ट्रेलिया भी इसी तरह के एक प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलिया से काफी बेहतर है, अतः भारत सरकार इस प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाने की पुरी क्षमता रखती है।


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