नोबेल पुरस्कार 2020

नोबेल पुरस्कार छह श्रेणियों में दिए जाते हैं और इसकी घोषणा इस बार 5-12 अक्टूबर के बीच होगी।इसमें मेडिसिन, फिजिक्स और रसायन श्रेणी के पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है और अब  साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इसकी घोषणा होनी बाकी है।

चिकित्सा के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार दो अमेरिकन वैज्ञानिक हार्वे जे ऑल्टर और माइकल हॉफटन व ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स एम राइस को संयुक्त रूप से दिया गया है। उन्हें यह सम्मान हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए मिला है। नोबेल समिति के प्रमुख थॉमस पर्लमन ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इस पुरस्कार की घोषणा की, तीनों वैज्ञानिकों को पुरस्कारस्वरूप 8.2 करोड़ रुपये मिलेंगे जिसे तीनों में बराबर बांटा जाएगा ।

हर साल वायरस से होती है 4 लाख मौत

इस बीमारी की वजह से दुनिया भर में लोगों को सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर का शिकार होना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है कि दुनिया भर में हेपेटाइटिस वायरस के करीब 7 करोड़ मरीज हैं और इस वायरस के कारण हर साल करीब चार लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। हेपेटाइटिस सी के वायरस की खोज के बाद खून का परीक्षण और जरूरी दवाइयों का निर्माण संभव हुआ है जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी है।

भौतिकी में भी वर्ष 2020 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है. यह सम्मान देने वाली संस्था रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम ने इस साल के लिए फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दिया।इसमें आधा सम्मान रोजर पेनरोज को ब्लैक होल निर्माण को आइंस्टीन की सापेक्षकता के सिद्ंधात से जुड़ाव की खोज के लिए और शेष आधा सम्मान संयुक्त रूप से रिनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज को गैलेक्सी के केंद्र में स्थित अत्यधिक घनत्व वाले पदार्थ (सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट) खोज के लिए दिया गया। ब्लैकहोल ऐसे क्षेत्र हैं जिसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक होती है कि उससे होकर प्रकाश भी नहीं गुजर सकता यानि कि उसका अस्तित्व ब्लैकहोल में खत्म हो जाता है।

रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) के क्षेत्र में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग’ की एक पद्धति विकसित करने के लिए इस वर्ष का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है। दोनों महिला विज्ञानियों ने अहम टूल ‘सीआरआइएसपीआर-सीएएस9’ को विकसित किया है। इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है। इससे पहले अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला हैं जिन्हें फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है।

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