उत्तराखंड की प्रतिभाएं : कैसे बनीं दो जुड़वां बहने एक साथ SDM युक्ता और मुक्ता

युक्ता मिश्र और मुक्ता मिश्र, पाँच भई बहनों में दो सबसे छोटी उत्तराखंड की पहली ऐसी जुड़वा बहनें है जो उत्तराखंड राज्य की सर्वोच्च परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में महिलाओं में दो शीर्ष स्थान प्राप्त कर एसडीएम बनी, और  अभी दोनों बहिने क्रमशः डोईवाला (देहरादून) एवं कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल) में कार्यरत है।

दोनों बहनों की आरम्भिक शिक्षा अपने गृह जनपद चमोली में हुई, डाकघर में कार्यरत पिता श्री के डी मिश्र के उत्तर प्रदेश में  पहले सहारनपुर और फिर कुछ वर्ष बाद बरेली में ट्रांसफ़र होने के बाद आगे की शिक्षा के लिए बहनें अपने परिवार के साथ इन दोनों स्थानों में रही।

बरेली कॉलेज से स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के साथ ही दोनों ने पोस्टल असिस्टेंट की परीक्षा उतीर्ण कर ली, हालकिं दोनों बहने जिनका ऐकडेमिक record आरम्भ से ही अति विशिष्ट रहा, अपनी प्राथमिक कक्षाओं से दोनो ने अपनी कक्षाओं में हमेशा शीर्ष स्थान प्राप्त किए। अपनी क्षमताओं पर भरोसा कर दोनों ने बरेली में अपनी स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़ दी।और अल्मोड़ा डाकघर में कार्यभार ग्रहण किया। साथ ही अल्मोड़ा University से स्नातक में प्राइवेट स्टूडेंटस के रूप में प्रवेश लेकर सेल्फ़ स्टडी करते हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर दी।

अपनी सफलता का श्रेय परिवार को देने वाली बहने, बताती है कि अपनी पढ़ाई के साथ वो एक – दूसरे की पढ़ाई में मदद करती है। अल्मोडा डाकघर में  कार्य करते हुए जब वो ऑफ़िस से शाम को घर पहुँचती तो एक बहन घर के काम निपटाती, दूसरी खुद पढ़ने के साथ दूसरी को बोलकर सुनाती। पढ़ने के बाद दोनो एक दूसरे का टेस्ट भी ले लेती। इसी तरह अपने समय का समुचित उपयोग करती। उन्हें अपने विषय का गहराई से अध्ययन करना पसंद है।

डाकघर में कार्य करते हुए बेहद व्यस्त रहने के बावजूद दोनों ने अनुशासित हो, कार्य और अध्ययन के बीच संतुलन बना न सिर्फ़ व्यक्तिगत (Private) विद्यार्थियों के रूप में स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षा   सोबन सिंह जीना यूनिवर्सिटी अल्मोड़ा (जो तब या कुमाऊँ यूनिवर्सिटी का हिस्सा था) से उतीर्ण की, वह भी अपने विषयों में संस्थागत (Regular) परीक्षा में शीर्ष स्थान पाने वाले विधार्यियों से अधिक अंक लेकर उन्होंने कीर्तिमान बनाया, इसके साथ ही अपने पहले प्रयास में  उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफलता प्राप्त की।

उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में, अपने प्रथम प्रयास में ही महिलाओं में शीर्ष दो स्थान प्राप्त कर – राज्य सरकार के अधिकारी बनने से पूर्व दोनों ने कई अन्य परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुकी थी और उस समय  और क्रमशः परिवहन कर अधिकारी और पोस्टल इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत रही।

सफलता आसानी से नहीं मिलती है, राह में अवरोध भी आते हैं। दोनों बहनों का जीवन के प्रति ध्येय रहा है – कि उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु चलना है, चलते रहना है, चाहे कितनी ही बाधाये आयें।अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए दोनों बहने शिक्षा, महिला और वंचितों के उत्थान हेतु भी कार्य करते रहती है।

प्रतियोगिता दर्पण में कुछ वर्ष पूर्व प्रकाशित भेटवार्ता (देखें नीचे) के माध्यम से, उनके बारे में कुछ और जान सकते हैं।



पेज 1/ 3

पेज 2/ 3

Related posts

Uttarakhand: Discover 50 Captivating Reasons to Visit

Discovering the Mystical Rudranath

New Tehri: Where Adventure Meets Serenity