कूड़ा फेकें खाली प्लॉट में…

आज अधिकतर लोग स्वच्छता को अपना चुके है अपने आस पास सफाई रखना पसंद करते है और दुसरो को प्रेरित करते हैं – लेकिन फिर भी कुछ थोड़े से लोग, ऐसे है – जिनकी वजह से यहाँ वहां गन्दगी दिख जाती है। आप भी अपने इलाके व आसपास की गंदगी, फैले कूड़े से परेशान हैं, और उसे साफ़ रखवाना चाहते हैं, और सरकार द्वारा चलाये जा रहे “स्वच्छ भारत” अभियान का असर होता न देख रहे या या आम/ सरकारी संपत्ति के प्रति लोगो की मानसिकता से नाखुश हैं, तो निम्न में से कुछ कर सकते हैं।

1) अपने इलाके में एक खाली प्लाट ले कर उस पर चारदिवारी (boundary wall) कर (जो 1.5 फीट से ज्यादा ऊँची ना हो), एक बोर्ड टांग दें, जिस पर लिखा हो “कृपया यहाँ कूड़ा – कड़कट ना फेंके, फेकते पकडे जाने पर जुर्माना।” और अगर बोर्ड में जगह बची हो तो जुर्माने के राशि भी ( 50 से 500 तक) लिखवा दें, इससे होगा ये कि गरीब से लेकर अमीर तक का इगो (वहां पर कूड़ा फैकते हुए) हर्ट नहीं होगा

जो पहली तरह से न समझे – उनके लिए ये कर सकते है –

1) रास्तों, मोहल्लों, गलियों में इस तरह के साईन बोर्ड लगवा सकते हैं – “कृपया जहाँ चाहें, थूकें, जहाँ चाहें, कूड़ा फेकें… और प्लीज, मेहरबानी करके कूड़ा, कूड़ेदान में न डालें, सफाई की जिम्मेदारी आपकी बिलकुल भी नहीं है। कूड़े के निस्तारण के लिए नगरपालिका/ ग्राम सभा है ना।

2) कुछ इस तरह का आप पार्कों, सड़को, बसेज, रेलगाड़ियों व अन्य जनसम्पत्तियों/ सार्वजनिक स्थानों में लिखवा सकते हैं – “यह आपकी खुद की नहीं है, कृपया चाहे जो मर्जी करें। साथ ही, “आप यहाँ लगे बल्ब, सी एफ एल, स्विचेज, डस्ट-बिन, टैब, सिंक, पंखे, परदे, फर्नीचर इत्यादी नि:संकोच तोड़ सकते हैं, बेच सकते हैं या फिर घर को ले जा सकते हैं। रखरखाव, भरपाई और साफ़-सफाई आदि का बंदोबस्त आपके टैक्स के पैसो से कर लिया जायेगा। आपकी शान में गुस्ताखी, आराम में दखल नहीं पड़ना चाहिए, शुक्रिया।”

नोट : उपरोक्त रचना को व्यंग (Satire) के रूप  ही  लें,  अगर आप  उसे वास्तविकता में उतारते हैं या वास्तविकता में बदलने  प्रयास करते हैं , तो उसके परिणाम की जिम्मेदारी लेखक की नहीं होगी। ?


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