Women Health Problem: महिलाएं ऐसे ही सेंसटिव नहीं होती है. उनकी नेचर और बॉडी भी पुरुषों के लिहाज से अधिक संवदेनशील होती है. बीमारी के मामले में भी महिलाओं की स्थिति ऐसी होती हैं. कुद बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनकी चपेट में आने की संभावना महिलाओं को ही अधिक होती हैं.

पुरुष उनसे काफी हद तक बचे रहते हैं. ऐसे में बीमारियों को लेकर पुरुषों के सापेक्ष महिलाओं को अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. आज हम ऐसी ही बीमारियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिनसे महिलाओं को पुरुषों से अधिक खतरा रहता है. महिलाओं को भी इन परेशानियों के बारे में जानना चाहिए.

विटामिन डी की कमी होना विटामिन डी इंसान की बॉडी के लिए जरूरी तत्व है. इससे कई तरह की बीमारियां पनपने का खतरा पैदा हो जाता है. महिलाएं आमतौर पर विटामिन डी का शिकार हो जाती हैं. एक स्टडी में भी सामने आया है कि महिलाओं की एक चौथाई आबादी विटामिन डी की शिकार हैं.

आयरन डेफिसिएंशी की परेशानी पीरियड, डिलेवरी और सही तरह से पोषक तत्व न लेने के कारण महिलाओं में ब्लड की कमी देखने को मिलती है. डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर जितनी भी महिलाएं अस्पताल में आती हैं. अधिकांश एनीमिक होती हैं. एनीमिक से आशय ब्लड की कमी होना है.

पीसीओएस की चपेट में भी आती हैं महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस एक हॉर्माेनल सिंड्रोम है. यह महिलाओं की ओवेरी पर खराब प्रभाव डालता है. हार्माेनल इंबेलेंस होने से यह समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है.

इंडियन नेशनल हेल्थ पोर्टल में पब्लिस्ड सर्वे के अनुसार दक्षिण भारत में 9.13 प्रतिशत महिलाएं एवं महाराष्ट्र में 22.5 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस की समस्या से पीड़ित हैं. मैटरनल हेल्थ से जुड़ी समस्या होना महिलाओं में गर्भावस्था की समस्याएं आमतौर पर देखी जाती हैं.

 हाल में यूएन की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि गर्भावस्था या इससे जुड़ी समस्याओं की वजह से हर 2 मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. ऐसे में महिलाओं को होने वाली इस समस्या की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए. इससे महिलाओं को सुरक्षित किया जा सकता है.