उत्तराखंड को प्रकृति ने विषम परिस्थिति की जलवायु झेलने के लिए पौष्टिक गुणों से भरपूर फल-फूल और सब्जियों की नेमत बख्शी है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले इन फलों व सब्जियों की बाहर भी खूब डिमांड है। ऐसे ही एक सब्जी है गडेरी।

नैनीताल जिले में कालाढूंगी रोड पर स्थित रौखड़ गांव में इसका भरपूर उत्पादन होता है। रौखड़ के आलू हों या गडेरी उसकी नैनीताल के साथ ही आसपास के बाजारों में डिमांड बहुतायत में है।

खासकर यहां की गडेरी स्वादिष्ट होने के साथ पेट संबंधी बीमारियों के उपचार में भी रामबाण मानी जाती है। ग्राहकों को यहां गडेरी का बाजार में बेसब्री से इंतजार रहता है।

औषधि गुणों से भरपूर है गडेरी  सौ ग्राम की गडेरी में 64 ग्राम पानी होता है। इसके अलावा प्रोटिन, पांच फीसद फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, सेलेनियम, विटामिन, जिंक होता है।

यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। पहाड़ पर उगने वाली लाल गडेरी में दिल की बीमारी दूर करने वाले तत्व भी होते हैं। कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता।

गडेरी खाने से मोटापा कम होता है। बुढापा भी जल्दी नहीं आता। शरीर के घाव भरते हैं। ठंड दूर करती है। शरीर की ताकत में इजाफा होता है।