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हिमालय अपने आप में कई रहस्य छिपाए बैठा है।
कई वेदों, पुराणों और उप-निषदों, पौराणिक गाथाएँ हैं जो हमें हिमालय के बारे में बातें बताती हैं।
हिमालय को तपोभूमि कहा जाता है। कहा जाता है की हिमालय की वह स्थान है जहां से आप मोक्ष्य के मार्ग में जा सकते हैं।
हिमालय पर्वत के बारे में जितने रहस्य सामने आए शायद ही यहाँ के सारे रहस्यों तक हम पहुँच पाए।
हिमालय की कंचंझंगा पर्वत शृंखला में स्थित यह झील अपने आप में ही एक अजूबा हैं।
यह झील पूरे वर्ष जमी हुई रहती है। परंतु अगर इस झील को गौर से देखें तो, इस झील के अंदर एक निर्धारित स्थान पर सर्दियों के दौरान भी एक ऐसी जगह है जहां का पानी कभी भी नहीं जमता है।
लोगों का कहना है की बौद्ध धर्म के गुरु “पद्मसंभा” जी ने अपने तपो बल से इस जगह को लोगों के सुविधा हेतु पिघला दिया था।
यह मोनास्ट्री भूटान के एक तीखी पर्वत के किनारे मौजूद हैं।
लोककथाओं के अनुसार इसी मठ की जगह पर 8वीं सदी में भगवान पद्मंसभव ने तपस्या की थी।
बुद्ध पीठों में सबसे प्रमुख बुद्ध पीठ "टाइगर नेस्ट मोनास्ट्री" है।ज्ञानगंज हिमालय के सुदूर इलाके में बसा है।
यह जगह बाहरी जन सभ्यता से जुड़ा हुआ नहीं है और यहाँ बाहर से कोई भी व्यक्ति नहीं आ सकता।
इस के अलावा कई गुरुओं का मानना है की इस जगह पर सिर्फ एक सिद्ध योगी या साधक जा सकता हैं।
हिमालय की गोद में बसा कोंगका ला दर्रा, लद्दाख में स्थित है।इस जगह पर जाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यह दर्रा बर्फ से ढ़की है।
इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ सिद्ध पुरुष कोंगका ला दर्रा पर जाते हैं। जहां उन्हें उड़न तश्तरी देखने को मिलता है।
यह दुनिया में सबसे ऊंचा पर्वत है और आज तक इस पर्वत शिखर पर कोई पहुंच नहीं पाया है।
इस पर्वत पर अर्धमानव यति रहता है। कई बार पर्वतारोहियों सहित स्थानीय लोगों ने भी यति देखने का दावा किया है।