भारत में इनकम टैक्स भरने के लिए लोगों को दो तरह की कर प्रणालियों के विकल्प दिए जाते हैं। पहला - पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और दूसरा- नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime)।

आम बजट 2023 में नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण की ओर से कई ऐलान किए गए हैं, जिसमें इनकम टैक्स पर 7 लाख रुपये की छूट और 50,000 रुपये की स्टैडर्ड डिडक्शन जैसे बड़े बदलाव हैं।

ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार नई टैक्स रिजीम में जाने के बाद दोबारा पुरानी टैक्स रिजीम में लौटा जा सकता है। इसके लिए हमने रिटायर्ड इनकम टैक्स अधिकारी अंकित जैन से बातचीत की है। आइए जानते हैं।

नियमों के मुताबिक, ऐसे लोग जिनकी आय का सोर्स बिजनेस और प्रोफेशन नहीं है, वे हर साल अलग टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं। यानी किसी भी साल नई टैक्स रिजीम से पुरानी टैक्स रिजीम या फिर पुरानी टैक्स रिजीम से नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो सकते हैं।

केवल बिजनेस और प्रोफेशन से आय अर्जित करने वाले लोगों को टैक्स रिजीम का चुनाव करने का मौका एक बार ही मिलता है। इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 139(1) के तय पहले से ही तय तारीख पर आईटीआई दाखिल कर या फिर फॉर्म 10IE भरकर जीवन में केवल एक बार ही टैक्स रिजीम को बदला जा सकता है।

नई टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 80C के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती है। 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर ही टैक्स लिया जाता है। है।

वहीं, पुरानी टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपये की आय के बाद से इनकम टैक्स लगता शुरू हो जाता है, लेकिन इसमें 80C के तहत मिलने वाली छूट का लाभ दिया जाता