मनविंदर सिंह चुग देश के पर्यावरण को संरक्षित करने में योगदान देने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में उद्यमिता में आए। तमाम उतार-चढ़ाव के बीच आज इनकी कंपनी एपोनीक्स इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के क्षेत्र में अहम योगदान दे रही है।
2030 तक करीब 90 प्रतिशत आन-रोड आटोमोबाइल्स इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल जाएंगे। इसलिए कंपनी इस साल एक हाई-स्पीड बाइक तथा तिपहिया वाहन लांच करने की तैयारी में है। साथ ही दिव्यांगजनों के लिए एक ट्राई-बाइक माडल भी पेश करने का विचार कर रही है, ताकि वे भी अपना कोई छोटा कारोबार करके पैसे कमा सकें।
मनविंदर की मानें, तो सफलता कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे थोड़े समय में प्राप्त किया जा सके। इसके लिए समर्पण, धैर्य और निरंतरता की आवश्यकता होती है।
एक उद्यमी परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनविंदर सिंह चुग ने मद्रास इंजीनियरिंग कालेज (अब चेन्नई इंजीनियरिंग कालेज) से इंजीनियरिंग की है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में वह करीब 20 वर्ष का अनुभव रखते हैं।
दरअसल, उनका पारिवारिक कारोबार भी इलेक्ट्रानिक सेक्टर से ही जुड़ा रहा है। कारोबारी माहौल में पले बढ़े होने की वजह से बचपन से ही वह भी उद्यमी बनना चाहते थे। इस तरह वर्ष 2017 में वह एपोनीक्स के रूप में खुद की ईवी कंपनी स्थापित कर उद्यमिता में आए।
अन्य उद्यमियों की तरह मनविंदर को भी शुरुआत में कई चुनौतियों से जूझना पड़ा। क्योंकि जब वह ईवी सेक्टर के कारोबार में आए, तो उस समय भारत में यह एक बिल्कुल नई तकनीक थी। लोग भी इससे अपरिचित थे। ऐसे में लोगों को कैसे पारंपरिक पेट्रोल और डीजल वाहनों से स्विच करने के लिए राजी किया जाए
यह उनके सामने सबसे बड़ी मुश्किल थी, क्योंकि उस समय न तो पर्याप्त संख्या में ईवी वाहन थे और न ही इनकी मरम्मत और रखरखाव के लिए मैकेनिक की उपलब्धता थी। इसके अलावा, ऐसी नई तकनीक में कैसे निवेशकों को निवेश के लिए समझाया जाए, यह भी एक बड़ी चुनौती थी, जिसका उन्हें सामना करना पड़ा। मनविंदर कहते हैं,’ एपोनीक्स बनाने की हमारी यात्रा क्रांतिकारी और अविश्वसनीय रही है।