हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है।

यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार भारत में सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक, हरिद्वार, या 'देवताओं का प्रवेश द्वार', है।

हरिद्वार को तीन देवताओं ने अपनी उपस्थिति से पवित्र किया है ब्रह्मा, विष्णु और महेश | कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने हर की पैड़ी के ऊपरी दीवार में पत्थर पर अपना पैर प्रिंट किया है, जहां पवित्र गंगा हर समय उसे छूती है।

गंगा नदी की पहाड़ो से मैदान तक की यात्रा में हरिद्वार पहले प्रमुख शहरों में से एक है और यही कारण है कि यहां पानी साफ और शांत है

हिंदुओ द्वारा  गंगा नदी की पूजा की जाती है क्योंकि उनका विश्वास है कि इसमें स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

हरिद्वार में “कुम्भ का मेला” आयोजित किया जाता है | बारह वर्ष में मनाये जाने वाला “कुम्भ के मेले ” का हरिद्वार एक महत्वपूर्ण स्थान है |

इसके अलावा हरिद्वार को चार धाम का प्रवेश द्वार  भी कहा जाता है, और इस स्थान को भगवान शिव और भगवान विष्णु की भूमि भी माना जाता है ।

हरिद्वार के तट पर हरकी पैड़ी पर हर रोज शाम को गंगा आरती होती है, जिसकी छवि एकदम निराली होती है  गंगा आरती के समय  वहा का पूरा वातावरण प्रकाश मय हो जाता है ।

हरिद्वार में “हर की पौड़ी” नामक एक घाट है | घाट को “हर की पौड़ी” नाम से इसलिए बुलाया जाता है क्यूंकि इस जगह पर भगवान श्री हरी आये थे और इस स्थान पर उनके चरण पड़े थे |

हिन्दू धर्म में गंगा स्नान मुंडन संस्कार जनेऊ संस्कार अंतिम संस्कार ये सभी चीजे हरिद्वार में सबसे पवित्र मानी जाती है ।

हरिद्वार के प्रमुख मंदिरो मे भारत माता मंदिर,शीश महल, मंशा देवी, चंडी देवी,  शिव मंदिर, हरिद्वार मे लोगो के ठहरने लिए बहुत से आश्रम  होटल धर्मशाला की सुबिधा की गई  है ।