अब ऋषिकेश के साथ ही पर्यटक गोपेश्वर में भी राफ्टिंग का आनंद ले सकेंगे। चमोली जिले के गोपेश्वर में अलकनंदा नदी पर देवलीबगड से लंगासू में राफ्टिंग कराने का निर्णय लिया गया है। जिला गंगा समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
पिछले दिनों जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा समिति की बैठक हुई। जिसमें यह फैसला लिया गया।
इसके साथ ही बैठक में गंगा नदी और इसकी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वासन के लिए विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की भी समीक्षा की गई।
राफ्टिंग के लिए उत्तराखंड में ऋषिकेश मुख्य पर्यटक स्थल है। यहां हर साल देश-दुनिया से हजारों पर्यटक केवल राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं।
ऋषिकेश में यहां से की जाती है राफ्टिंग:
– ब्रह्मपुरी क्लब हाउस से ऋषिकेश: पहली बार राफ्टिंग करने वालों के लिए बहुत अच्छा प्वाइंट है। ब्रह्मपुरी क्लब हाउस से ऋषिकेश एनआईएम बीच तक का स्ट्रेच सबसे आसान और सबसे छोटा लगभग 9 किमी है।
– कोडियाला से ऋषिकेश: 35 किमी की दूरी को कवर करते हुए इस राफ्टिंग में 13 रैपिड शामिल हैं।
– देवप्रयाग से ऋषिकेश: 75 किमी की इस राफ्टिंग को पूरा करने में दो दिन का समय लगता है। पहले दिन बीज घाट से 35 किमी की राफ्टिंग शुरू करते हुए नाइट स्टे के लिए कोडियाला पहुंचते हैं। दूसरे दिन 35 किमी की राफ्टिंग ऋषिकेश में आकर पूरी होती है।
– मरिन ड्राइव से ऋषिकेश: 27 किमी की दूरी कवर करने में दो घंटे का समय लगता है। इस दौरान गंगा नदी मेंक्लिफ जंपिंग और रोलर कोस्टर जैसे रेपिड का आनंद ले सकते हैं।
शिवपुरी से ऋषिकेश: यह प्वाइंट ऋषिकेश से 18 किमी दूर है। इसे पूरा करने में तीन घंटे का समय लगता है
हर साल मानसून काल में 30 जून को गंगा में राफ्टिंग की गतिविधि को सुरक्षा की दृष्टि से रोक दिया जाता है। जिसके बाद एक सितंबर या इसके बाद गंगा में राफ्टिंग के अनुकूल जल स्तर होने के बाद राफ्टिंग को अनुमति दी जाती है।