अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि ओट्स और सोया मिल्क भी दूध की श्रेणी में ही आते हैं। दूध के लिए गाय या किसी और जानवर की जरूरत नहीं है। बुधवार को जारी मसौदे संघीय नियमों के अनुसार सोया, जई, बादाम और अन्य पेय भी दूध की श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों ने आम लोगों के लिए इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पौधों पर आधारित पेय, डेयरी से निकाले गए दूध के बराबर होने के दावा नहीं करते। उन्होंने कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता इन दोनों के बीच अंतर को भलीभांति समझते हैं।

वर्षों से अमेरिका में डेयरी उत्पादकों ने एफडीए से प्लांट-आधारित पेय और खुद को 'दूध' के साथ जोड़ने वाले अन्य उत्पादों पर नकेल कसने की मांग करते आए हैं। उनका कहना है कि डेयरी उद्योग वे पशु-आधारित है, जबकि पौधों पर आधारित पेय दूध के वास्तविक अर्थ को धूमिल करते हैं।

मसौदा नियमों के तहत एजेंसी ने सिफारिश की है कि ऐसे पेय पदार्थों की पैकिंग पर स्रोत के रूप में "सोया दूध" या "काजू दूध" आदि का जिक्र स्पष्ट रूप से किया जाए। जारी हुए नए मसौदा नियम नियम के तहत इस बात की भी सिफारिश की गई है कि कंपनियां पोषण लेबल की जानकारी दें।

प्लांट आधारित पेय में डेयरी मिल्क की तुलना में कैल्शियम, मैग्नीशियम या विटामिन डी आदि पोषक तत्वों का स्तर कम होता है। फोर्टिफाइड सोया दूध अपने पोषक तत्वों के स्तर के कारण अमेरिकी एफडीए की डेयरी श्रेणी में शामिल एकमात्र प्लांट आधारित पेय पदार्थ है।

हाल के वर्षों में काजू, नारियल, भांग और क्विनोआ आधारित दर्जनों किस्म के पेय पदार्थ बाजार में उतारे गए हैं। यद्यपि ये पेय पौधों की सामग्री के तरल अर्क से बने होते हैं, लेकिन उन्हें अक्सर "दूध" के रूप में लेबल और वर्णित किया जाता है।

अमेरिका में बादाम का दूध सबसे लोकप्रिय किस्म है, लेकिन जई का दूध सबसे तेजी से बढ़ रहा है। फिर भी, पारंपरिक दूध से गैर-डेयरी पेय पदार्थों की बिक्री बहुत कम है। 28 जनवरी को समाप्त हुए 52 सप्ताह में कंडेन्स काऊ मिल्क की बिक्री बढ़कर 12.3 बिलियन डॉलर हो गई, जबकि गैर-डेयरी दूध की बिक्री 2.5 बिलियन डॉलर थी।