Nanakmatta Gurudwara (नानकमत्ता गुरुद्वारा)

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नानकमत्ता गुरुद्वारा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित है। 

यह  सिखों का पवित्र व ऐतिहासिक गुरुद्वारा है।

यहाँ हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

यह गुरुद्वारा उत्तराखण्ड में स्थित सिखों के तीन प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है।

इस गुरुद्वारे के अलावा हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और श्री रीठा साहिब गुरुद्वारा भी सिखों के पवित्र तीर्थ स्थानों में हैं।

इस गुरुद्वारे से कुछ ही दूरी में एक बांथ है जिसका नाम नानक सागर है।

गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के नाम से ही इस जगह का नाम नानकमत्ता पड़ा।

कहा जाता है कि सिक्खो के प्रवर्तक और प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी यहाँ सन 1514/ 1508  ईस्वी में आए थे।

इस गुरुद्वारे से जुड़ी कई मान्यताएं हैं, जो लोगों मैं इस गुरुद्वारे के लिए आस्था को और भी बढ़ा देता है।

गुरुद्वारे के अंदर एक सरोवर है, जिसमें अनेक श्रद्धालु स्नान करते है और फिर गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं।

नानकमत्ता सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल गुरुद्वारे, बाउली साहिब, दूध का कुँआ और 24 घंटे चलने वाले लंगर के लिए जाना जाता है।

इन विशेषताओं के अलावा नानकमत्ता यहाँ हर साल लगने वाला दीपावली का मेला भी यहाँ की विशेषता है।

वैसे तो नानकमत्ता में हर महीने की अमावस्या को मेला लगता ही है।

लेकिन दीवाली में लगने वाले 7-8 दिवसीय मेले की भव्यता देखने लायक होती है।

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