कल्पना चावला एक भारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी।

हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को कल्पना चावला का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला था और माता संज्योती चावला थीं।

कल्पना सबसे छोटी थीं। उनकी शुरुआती शिक्षा करनाल में ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई।

कल्पना चावला का बचपन से ही पसंदीदा विषय विज्ञान रहा था। वह एक फ्लाइट इंजीनियर बनना चाहती थीं। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

वह आगे की पढ़ाई के लिए महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गईं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में कल्पना ने दाखिला लिया और दो साल की पढ़ाई के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।

1995 में नासा ने कल्पना का चयन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किया। उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई और 1998 में अंतरिक्ष की पहली उड़ान के लिए कल्पना चावला को चुना गया।

अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कल्पना चावला ने 372 घंटे बिताते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया और भारत का मान बढ़ाया।

अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली उड़ान सफल होने के बाद वर्ष 2000 में दूसरी स्पेस यात्रा के लिए कल्पना का चयन किया गया। हालांकि मिशन तीन वर्ष की देरी से हुई और वर्ष 2003 में लांच किया गया। 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 से उड़ान भरी।

1 फरवरी 2003 को कल्पना का अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया। इस दुर्घटना में मिशन में शामिल सातों लोगों की मौत हो गई, जिसमें कल्पना चावला भी शामिल थीं।