उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बहने वाली कोसी नदी की रोचक कहानी ।

कोसी नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। यह नदी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बहती है।

यह रामगंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। इस नदी का उद्गम कौसानी के पास धारापानी नामक स्थान है।

वहाँ से यह नदी, सोमेश्वर से अल्मोड़ा की कोसी घाटी हवालबाग, खैरना, गरमपानी, कैंची के बाद सल्ट पट्टी के मोहान तक उत्तर पक्षिम में बहती है।

कोसी नदी ( कौशिकी नदी) की 118 सहायक नदियाँ तथा  छोटी जल धाराएं हैं। जिन्हें स्थानीय भाषा मे गधेरे कहा जाता है।

उत्तराखंड की लोककथाओं के अनुसार कोशी नदी को शापित नदी बताया गया है। कहते हैं, कोसी, रामगंगा, भागीरथी, सरयू, काली  गंगा, गोरी गंगा, यमुना कुल साथ बहिनें थी।

एक बार इनकी साथ चलने की बात हुई मगर 6 बहिनें समय पर नही पहुँची तो कोशी  को गुस्सा आ गया और वो अकेले चल दी। जब बाकी की 6 बहिनें आई तो उनको कोशी के बारे में पता चला कि वो तो चली गई।

बाकी बहीनों ने कोसी को फिटकार ( श्राप दिया ) कि वो हमेशा अलग थलक बहेगी और उसे कभी भी पवित्र नदी नही माना जायेगा।

इस नदी का ऋषि कौशिकी द्वारा धरती पर अवतरण कराने के कारण इस नदी का नाम कौशिकी नदी पड़ा जो कालांतर में कोसी नाम मे परिवर्तित हो गया । अल्मोड़ा के एक कस्बे का नाम कोसी इसी नदी के नाम पर पड़ा है।