प्रदेश में अब भारी वजन उठाने वाले ड्रोन भी बनेंगे। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ है।

प्रस्ताव पास होने पर इस दिशा में काम शुरू होगा, जिसके बाद आपदा के समय भारी वजन उठाने वाले ड्रोन से इस क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। दरअसल, अभी तक हल्का वजन उठाने वाले ड्रोन प्रचलन में हैं।

आईटीडीए एक निजी कंपनी के साथ मिलकर रोजाना उत्तरकाशी से देहरादून तक ब्लड सैंपल ड्रोन के माध्यम से ला रहा है लेकिन यह ड्रोन एक सीमा तक ही वजन उठा पा रहे हैं।

अब आईटीडीए ने 60 किलो तक के भारी वजन उठाने वाले ड्रोन तैयार करने का फैसला लिया है। इस तरह के ड्रोन के बजट का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। केंद्र से मुहर लगने के बाद ड्रोन तैयार किए जाएंगे।

चूंकि आपदा प्रदेश में भारी वजन उठाने वाले ड्रोन जीवनदायी साबित हो सकते हैं। इन ड्रोन से जहां आपदा प्रभावितों तक भोजन, खाद्य पदार्थ, आवश्यक सेवाओं का लाभ पहुंचाया जा सकेगा तो वहीं दवाइयां भी भेजी जा सकेंगी।

इन ड्रोन को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर चलाने की योजना है। ड्रोन को लेकर दो नीतियां तैयार की जाएंगी। एक नीति तो ड्रोन इंडस्ट्री, ड्रोन कॉरिडोर से संबंधित होगी।

जबकि दूसरी नीति ड्रोन स्कूल से संबंधित होगी। दोनों नीतियों पर शासन स्तर पर विचार विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह नीतियां कैबिनेट में लाई जाएंगी।