पहाड़ या उत्तराखंड में सर्दी के मौसम में गहत की दाल को काफी चॉव से खाया जाता है। उत्तराखंड में अधिकतर लोग इस दाल की खेती करना पसंद करते हैं।

गहत की दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती है, इसके सेवन से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। इतना ही नहीं पथरी होने पर भी गहत की दाल खाना काफी फायदेमंद होता है।

इस दाल की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे सर्दी के मौसम में खाना काफी अच्छा माना जाता है। अंग्रेजी में गहत की दाल को horse gram के नाम से जाना जाता है।

गहत की दाल में मौजूद पोषक तत्व (Nutrients in Gahat ki Dal) – ऊर्जा – जल – प्रोटीन – मिनरल्स – फाइबर – कैल्शियम – आयरन – कार्बोहाइड्रेट – फास्फोरस

गहत की दाल के फायदे (gahat dal benefits) गहत दाल  खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती हैं। इतना ही नहीं यह किडनी की पथरी को भी ठीक करने में फायदेमंद होता है।

गहत की दाल में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है, साथ ही यह शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाले गुणों से भी समृद्ध होती है। इसलिए किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है। गहत की दाल मूत्रवर्धक यानी पेशाब को बढ़ावा देने का कार्य करती है।

सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम और बुखार होना काफी सामान्य होता है। ऐसे में आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गहत की दाल का सेवन कर सकते हैं। गहत की दाल सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है।

डायरिया या दस्त की समस्या को दूर करने के लिए भी आप गहत की दाल का सेवन कर सकते हैं। गहत की दाल में फ्लेवोनॉइड जैसे तत्वों से भरपूर होती हैं, यह एंटी डायरिया के रूप में कार्य करती है।

गहत की दाल में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है, जो वजन कम करने में फायदेमंद होता है। फाइबर भूख को कम कर वजन घटाने में मदद करतात है।