उत्तराखंड में मिठाईयों में बाल मिठाई काफी पंसद की जाती है खासकर कुमाऊं प्रांत के अल्मोड़ा शहर जो कि बाल मिठाई के शहर के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तराखंड की बाल मिठाई भी उसकी पहचान बन गई है. चॉकलेट के जैसी दिखाई देने वाली बाल मिठाई खाकर लोग इसका स्वाद सालों तक नहीं भूल पाते।

बाल मिठाई को उत्तराखंड की चॉकलेट भी कहा जाता है | एक ऐसी चॉकलेट जिसे कोको बीन्स से नहीं बल्कि खोए से बनाया जाता है |

बाल मिठाई की ख़ासियत ये है कि ये खाने में कुरकुरी लगती है इस मिठाई का स्वाद इतना लाजवाब है कि पर्यटक और यहां के लोगों की ये फ़ेवरेट मिठाई बन गई |

एक मान्यता  है कि बाल मिठाई शुरू में सूर्य देवता को अर्पित किया जाने वाला प्रमुख प्रसाद रहा होगा |

बाल मिठाई को 20वीं सदी में प्रसिद्ध करने का श्रेय जाता है, लाला जोगाराम को | बताते हैं कि अल्मोड़ा के लाल बाज़ार में उनकी दुकान हुआ करती थी उस समय सिर्फ उनकी दुकान में ही ये मिठाई बनाई जाती थी |

अल्मोड़ा की बाल मिठाई अंग्रेजों को खूब पसंद आती थी ऐसे संकेत मिले हैं जिससे पता चलता है कि अंग्रेज अफसर क्रिसमस के मौके पर एक दूसरे को भेंट के तौर पर बाल मिठाई भेजते थे |

खोये को चीनी मिलाकर तब तक पकाया जाता है जब तक कि वह दिखने में चॉकलेट के रंग जैसे नहीं हो जाता उसे कुछ समय तक जमने दिया जाता है और फिर आयताकार टुकड़ों में काट कर चीनी की सफेद गेंदों (खसखस) से सजाया जाता है |

आज बाल मिठाई सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी बड़े ही चाव से खाई जाती है |

ऐसा माना गया है कि बाल मिठाई प्रोटीन लैक्टोज, ग्लूकोज और वसा का ऐसा प्राकृतिक समायोजन है जो शुद्ध दूध से 5 गुना ज्यादा पौष्टिक तत्वों से युक्त हो जाता है लचीलेपन के कारण इसको खाना काफी आसान होता है |

अल्मोड़ा शहर में बाल मिठाई लगभग पचास से अधिक स्थानों पर उपलब्ध होती है चटख, कत्थई बर्फी पर चिपके मोती से दाने वाली यह मिठाई काउंटर में अलग ही कंट्रास्ट पैदा करती हैं |

अल्मोड़ा की बाल मिठाई का डिब्बा भी स्थानीय स्तर पर निर्मित होता है जो कि हल्के लाल रंग में बना होता है  जिस पर स्पष्ट सूचना होती है अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई है |