फिटकरी का वैज्ञानिक नाम पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फ़ेट है. इसे पोटाश एलम या फिर सिर्फ़ एलम भी कहा जाता है. इसे बनाने के लिए प्राकृतिक रूप से पाए जानेवाले एलम शेल्स का इस्तेमाल किया जाता है

फिटकरी का स्वाद कसैला और अम्लीय होता है. यह सफ़ेद और हल्के गुलाबी दो रंगों में आती है, लेकिन घरों में सफ़ेद का ही इस्तेमाल अधिक किया जाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल भस्म के रूप में होता है. भस्म फिटकरी को वाष्पित करके तैयार की जाती है |

फिटकरी के इस्तेमाल और उसके फ़ायदे

गर्मी के दिनों में या ऐसे भी अगर आप पसीने से आनेवाली दुर्गंध से परेशान रहते हैं, तो आप फिटकरी को डियोड्रेंट तक इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे अपने अंडराम्स में सीधे भी लगा सकते हैं और इसका पाउडर बनाकर नहाने के पानी में डाल सकते हैं |

1. रक्त बहाव रोकती है चोट लगने के बाद बहते रक्त को रोकने में फिटकरी कारगर है. इसे रगड़कर चोट लगी जगह पर लगाने से रक्त के बहाव को रोका जा सकता है. हालांकि यह नुस्ख़ा छोटी चोट पर ही काम करता है |

2. मुंह के छालों के लिए मुंह के छालों से परेशान रहते हैं तो फिटकरी के पानी से गरारा करें. हल्के गर्म पानी में फिटकरी डालें और उसे अपने मुंह में लेकर कुछ देर तक घुमाएं. दिन में दो से तीन बार गरारा करने से आराम मिलेगा |

3. यूरिन इंफ़ेक्शन में कारगर यूरिन इंफ़ेक्शन से बचने और होने के बाद उससे छुटकारा पाने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं. फिटकरी डाला हुआ गुनगुना पानी लें और उससे अपने प्राइवेट पार्ट की धोएं. इसके ऐंटी-बैक्टीरियल गुण आपको इंफ़ेक्शन की समस्या से निजात पाने में मदद करेंगे |

4. फ़ंगल इंफ़ेक्शन कम करने में प्रभावी अगर आपके पैरों से बदबू आती है या किसी तरह का फ़ंगल इंफ़ेक्शन पनप रहा है तो फिटकरी का इस्तेमाल करें. गर्म पानी में फिटकरी डालें औ उससे अपने पैरों को रोज़ाना धोएं. नारियल तेल में फिटकारी पाउडर मिलाकर लगाएं. आराम मिलेगा |