चित्रकूट (Chitrakoot) श्रीराम की स्मृतियों से पावन

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भगवान राम चौदह वर्ष के लिए वनवास गए। जिसमें से साढ़े 11 वर्ष उन्होंने चित्रकूट में बिताये थे

पवित्र ग्रंथों और यहाँ मिलने वाले साक्ष्य भगवान श्री राम, माता सीता और अनुज लक्ष्मण के यहाँ बिताये समय का वर्णन करते हैं। 

चित्रकूट, भारत में उत्तरप्रदेश राज्य के 75 जिलों मे से एक है।

चित्रकूट धाम का कुछ एरिया चित्रकूट जिले के बाहर मध्य प्रदेश मे भी है।

उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले के कर्वी तहसील के दो गाँव सीतापुर और कर्वी तथा मध्य प्रदेश के सतना जिले के तीन कस्बे कामता, कोहली और नयागाँव  है।

चित्रकूट के रामघाट में प्रतिदिन शाम को तट पर हजारों दिये जलाए जाते हैं। जिसमें अनेक लोग शामिल होते हैं। 

शाम की आरती के बाद यहाँ लेजर शो से 30 मिनट के लिए भव्य रामायण दिखाई जाती है।

रामघाट मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है, मंदाकिनी के एक तरफ उत्तरप्रदेश और एक तरफ मध्यप्रदेश है। 

चित्रकूट में रामायण से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थान हैं। 

भरत कूप

भरतकूप गांव के निकट एक विशाल कुआं है। जो चित्रकूट के पश्चिम में लगभग 20 किमी के दूर स्थित है।

भरत मिलाप मंदिर

भरत मिलाप मंदिर उस जगह पर  है जहां भरत, अयोध्या के सिंहासन पर लौटने के लिए भगवान श्री राम को मनाने के लिए उनके वनवास के दौरान उनसे मिले थे।

हनुमान धारा

यह एक विशाल चट्टान के ऊपर स्थित हनुमान मंदिर है। इन सीढियों पर चढ़ते समय चित्रकूट के शानदार दृश्य देखे जा सकते हैं।

गुप्त गोदावरी

गुप्त गोदावरी चित्रकूट से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। पौराणिक कथा है कि भगवान राम और लक्ष्मण अपने वनवास के कुछ समय के लिए यहां रहे

सती अनुसूया आश्रम

यह आश्रम ऋषि अत्री के विश्राम स्थान के रूप में जाना जाता है। अत्री ने अपनी भक्त पत्नी अनुसूया के साथ यहां ध्यान किया।

राम दर्शन

राम दर्शन मंदिर, एक अनोखा मंदिर है, जहां पूजा और प्रसाद निषिद्ध हैं। यह मंदिर लोगों को मूल्यवान नैतिक पाठ प्रदान करके अभिन्न मानवता में प्रवेश करने में मदद करता है।

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