बनाने की विधि
अगली सुबह बनाने के लिए पहली रात को भट्टों को पानी में भिगो लिजिए. अगली सुबह इन्हें पीसने से पहले चावलों और गंधरायण को भी भिगो लीजिए. भट्ट पीसने से पूर्व उनका पानी निथार लें
सिलबट्टे पर या ग्राइंडर में इन्हें दरदरा पीस लें. गंधरायण के टुकड़े को भी साथ में ही पीस लें. अब अलग से चावलों को भी पतला पीस कर एक बर्तन में रख लें.
पीसे हुए भट्टों में थोड़ा पानी मिलाकर इसे थोड़ा सा पतला कर लें. एक जग भर कर पानी चूल्हे के बगल में रख लें.
अब चूल्हे पर गहरी कड़ाही चढ़ाकर उसमें खाद्य तेल को गर्म कर लें. तेल गर्म होने पर भट्ट के घोल को हल्के-हल्के उसमें डालिए. इस घोल को तेजी से करछी से घुमाते हुए भूनते रहिए
जब यह घोल कड़ाही में मौजूद तेल को पूरा अपने में जज्ब कर ले तो जग से इसमें धीरे-धीरे पानी डालना शुरू कीजिए और साथ ही करछी से चलाते रहिए.
करछी से चलाते रहने का कारण ये है कि घोल की गांठें नहीं बननी चाहिए. जब घोल एकसार व पतला हो जाए तो उसमें चावलों का पेस्ट भी डाल दीजिए. कड़ाही को पानी से लबालब भर लें. इसे मद्धम आंच में काफी देर तक पकने दीजिए.