Acid Rain: जब बारिश की बूंदों के साथ एसिडिक या अम्लीय पानी धरती पर गिरता है तो इसे एसिड रेन कहते हैं. एसिड रेन पेड़ पौधों के लिए बहुत खतरनाक साबित होती है |
मानसून से पहले होने वाली बारिश को अम्लीय वर्षा भी कहा जा सकता है. मौसम की पहली बारिश में वातावरण में मौजूद धूल के कण, कीटाणु, बैक्टीरिया और घुली हुई गैसें नीचे आ जाती हैं |
पर्यावरण प्रदूषण हद से ज्यादा बढ़ गया है. सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे बहुत से नुकसानदेह केमिकल वातावरण में मिलकर एसिड रेन के तौर पर धरती पर गिरते हैं |
एसिड रेन को हिंदी में अम्लीय वर्षा कहते हैं. जब बारिश की बूंदों के साथ एसिडिक पानी धरती पर गिरता है तो एसिडिक रेन कहलाता है. गंदगी की वजह से हवा का पीएच मान घट जाता है जिसकी वजह से वह एसिड लगने लगता है |
यह पेड़-पौधों, जलीय जंतुओं और इंसानों के लिए भी नुकसानदायक होती है. इसलिए लोगों को सीधे बारिश का पानी पीने और इससे नहाने के लिए मना किया जाता है. कई बार यह इमारतों के रंग को पूरी तरह से बदल देती है |
अम्लीय वर्षा मिट्टी से एल्युमिनियम का रिसाव करती है. और वो एल्युमीनियम पौधों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी हानिकारक होता है. अम्लीय वर्षा मिट्टी से खनिज और पोषक तत्वों को खत्म क देती है |
एसिड वाली बारिश के कारण जलीय जंतुओं का जीवन खतरे में है. क्योंकि वर्षा का जल सीधे तालाब, नदी व जलाशयों में जाता है, जो जलीय जीवों के लिए खतरनाक है |