उत्तराखंड : कुछ प्रमुख समाचार (सोमवार, 01 फरवरी 2021)

by Diwakar Rautela
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उत्तराखंड : 5 फरवरी से कक्षा 6 से 12 तक के लिए फिर से खोलें जाएंगे स्कूल

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड में सभी स्कूल 8 फरवरी से कक्षा 6 से 12 तक के लिए फिर से खोल दिए जाएंगे। उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया था। यह निर्णय सरकारी और निजी दोनों स्कूलों पर लागू रहेगा। उत्तराखंड में स्कूलों को पिछले साल नवंबर में केवल 10वीं कक्षा के लिए फिर से खोला गया था और Covid-19 प्रकोप के बीच एक साल पहले लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार राज्य में इस पैमाने पर स्कूल फिर से खोले जा रहे हैं।

साथ ही कौशिक ने कहा कि अपने स्कूलों में आने-जाने के लिए साइकिल खरीदने के लिए 9वीं कक्षा में जाने वाली सभी श्रेणियों की लड़कियों को 2,800 रुपये दिए जाएंगे। इसी बैठक में कैबिनेट ने मनरेगा के तहत कार्यदिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने की भी अपनी अनुमति भी मिल गयी है। कौशिक ने कहा कि इस बढ़ोतरी पर 18 करोड़ से अधिक का खर्च राज्य सरकार को अपने स्वयं के संसाधनों से करना होगा।


चंपावत जिले में पर्यटकों को आकर्षित करेगा साहसिक पर्यटन
चंपावत जिले में साहसिक पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडिंग स्थल का चयन कर लिया गया है। पूर्व में विभाग द्वारा जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए पांच स्थानों का सर्वे किया गया था। झूमाधुरी, दियूरी, चंडालकोट, चल्थी और बाणासुर किले के आसपास के क्षेत्र के परीक्षण में चार जगह पैराग्लाइडिंग के लिए अनुपयुक्त पाई गई थ, सिर्फ बाणासुर के किले के आसपास का क्षेत्र पैराग्लाइडिंग के मानकों पर खरा उतरा। जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट ने बताया कि परीक्षण में उपयुक्त पाए जाने के बाद यह प्रस्ताव निदेशालय भेजा गया है। विभाग का कहना है कि इस साल मार्च तक बारहमासी मार्ग पूरा होने के बाद सिर्फ ढाई घंटे के सफर में टनकपुर से 95 किमी दूर बाणासुर किले के पास पहुंचा जा सकेेगा। इससे साहसिक पर्यटन के शौकीनों को नया विकल्प मिलेगा। पर्यटन विभाग का मानना है कि बुनियादी ढांचा बेहतर होने के अलावा मां पूर्णागिरि धाम, मां बाराही धाम देवीधुरा जैसे आध्यात्मिक पर्यटन के साथ साहसिक पर्यटन से सैलानियों की आमद में भी तेजी आएगी। अभी तक यहां मुख्य रूप से राफ्टिंग ही साहसिक पर्यटन का साधन था। पंचेश्वर, घाट और शारदा नदी राफ्टिंग के लिए बेहद मुफीद है। जिसमें हर वर्ष दो हजार से अधिक लोग राफ्टिंग का लुत्फ उठाते हैं।


बागेश्वर :  टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण की मांग को लेकर रविवार को संघर्ष समिति ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। समिति के कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजों के शासनकाल से प्रस्तावित रेल मार्ग की अनदेखी पर नाराजगी जताई। बागेश्वर – टनकपुर रेल निर्माण संघर्ष समिति के वक्ताओं ने कहा कि बागेश्वर के लिए अंग्रेजों ने 1912 में रेल मार्ग को प्रस्तावित कर दिया था। 1912 में रेल मार्ग का सर्वे भी किया गया था। आजादी के लंबे समय बाद 1982 में सरकार को इसकी याद आई और एक बार फिर सर्वे किया गया। हालांकि निर्माण नहीं हुआ। 2006 में भी यही किया गया। 2009-10 में इसे राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर सर्वेक्षण किया गया।

2019-20 में भी सरकार ने सर्वे किया लेकिन निर्माण शुरू नहीं कराया। समिति की अध्यक्ष दफौटी ने कहा कि सरकार केवल सर्वे के नाम पर जनता को बरगलाने का काम कर रही है। रेल लाइन की मांग को लेकर समिति लोगों को एकजुट करेगी। जन सहयोग से रेल लाइन की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। 17 फरवरी को तहसील परिसर में बैठक की जाएगी।


नैनीताल : Uttarakhand Bar Council Election 2021 : उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का वार्षिक चुनाव आने वाली 18 फरवरी को होगा। मौजूदा चेयरमैन का कार्यकाल 13 फरवरी को समाप्त हो रहा है। नए चेयरमैन को लेकर सदस्यों में लॉबिंग शुरू हो गई है।

रविवार को चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में विभिन्न मामलों पर चर्चा हुई। बैठक में उत्तराखंड बार काउंसिल की कार्यालय अधीक्षक समेत तीन कार्मिकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को रद करने के बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले पर रोक लगाने के निर्णय पर रोक लगाने के मामले में विधिक राय लेने का फैसला भी लिया गया है। रविवार को हुई वर्चुअल बैठक में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन के चुनाव के प्रस्ताव को पारित किया गया। इसके लिए नोटिफिकेशन 2 फरवरी को जारी होगी। जबकि मतदान 13 फरवरी को होगा।


रानीखेत  : पालतू पक्षियों को दी जा रही की वैक्सीन
पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म से करीब 40 नमूने जांच के लिए लैब भेजे हैं। इन नमूनों की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। इसके अलावा पालतू पक्षियों को रानीखेत की वैक्सीन दी जा रही है। प्रशासनिक स्तर से भी पक्षियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
जनपद में कौवों, कबूतर और गौरेया में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पक्षी पालक घबरा गए हैं। पशु पालन विभाग ने सर्वेक्षण कर पालतू पक्षियों का रिकार्ड जुटाया है। गांव नावला, बुढ़ाना रोड, इस्लामनगर, भूड़ देहात के साथ नगर क्षेत्र में दस कबूतर पालक मिले हैं। इनसे पक्षियों के स्वास्थ्य, शरीर में पिछले एक सप्ताह में आए परिवर्तन से संबन्धित जानकारी जुटाई गई है। ऐसे कई पक्षी पालक मिले हैं, जिनके पास कबूतरों की संख्या पचास से अधिक है। इन्हें अधिक सतर्क रहने के लिए गया है। इन पक्षियों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए रानीखेत की वैक्सीन दी जा रही है। इसके साथ ही दानों में मिलाकर दवा खिलाई गई है। साथ ही पशु पालन विभाग ने तहसील क्षेत्र में संचालित हो रहे आठ पोल्ट्री फार्म से मुर्गियों के नमूने लिए हैं। इनकी जांच-पड़ताल के साथ ही निगरानी की जा रही है। बीमार मुर्गी एवं पक्षी दो से तीन दिन में मर जाते हैं। बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए टीम ने 40 सैंपल जांच के लिए बरेली लैब भिजवाए हैं।


चंडाक में विश्वस्तरीय ट्यूलिप गॉर्डन का प्लान तैयार, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
पिथौरागढ़ के सबसे सुंदर इलाकों में शुमार चंडाक आने वाले दिनों में पर्यटन का केंद्र बिंदु बन सकता है। पिछले वर्ष यहां पायलट प्रोजेक्ट के बतौर कई प्रजातियों के ट्यूलिप उगाने में सफलता मिली थी। अब वन विभाग ने एक करोड़ 83 लाख की लागत से सालभर गुलजार रहने वाले ट्यूलिप गॉर्डन का प्रस्ताव तैयार किया है। विभाग के प्लान के मुताबिक साल में तीन महीनों तक लैंडस्केप ट्यूलिप से गुलजार रहेगा। स्थानीय फूलों और जड़ी-बूटियों से इसकी रौनक बढ़ाई जाएगी।  ट्यूलिप गॉर्डन को सामुदायिक आधार पर संचालित किए जाने की भी योजना है। सामुदायिक आधार पर ट्यूलिप गॉर्डन का संचालन होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके भी मुहैया हो पाएंगे।

 

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