Uttarakhand में वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना से कैसे स्वरोज़गार प्राप्त करें!

by News Desk
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Veer Chandra Singh Garhwali Tourism Self-Employment Scheme in Uttarakhand!

उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद से गठित राज्य सरकारे, उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए कई योजनाएँ लेकर आती है, जिनमे से प्रमुख है – वीर चंद्र सिंह पर्यटन स्वरोज़गार योजना। जिसका उद्देश्य राज्य के पर्यटन व्यवसायियों को स्वरोज़गार उपलब्ध करता राज्य का पर्यटन क्षेत्र में विकास करना है। उत्तराखण्ड की इस प्रथम स्वरोजगार योजना “वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना” का प्रारम्भ 1 जून 2002 को हुआ।

Eligibility पात्रताः

  1. राज्य का मूल/स्थाई निवासी हो।
  2. इस योजना में उत्तराखण्ड राज्य के स्थाई निवासी आवेदन कर सकते हैं। यदि योजना/ प्रोजेक्ट हेतु भूमि की आवश्यकता हो, तो संबंधित आवेदक को भूमि का स्वामी होना चाहिए अथवा अथवा भूमि आवेदक के निकट सम्बन्धी के नाम होने पर होनी चाहिए, जिसे लोन के बदले, जमानत के रूप में बन्धक रखना होगा, साथ ही यदि भू स्वामी आवेदक के साथ सहऋणी अथवा जमानती के रूप में सहभागी बने, तो अनुदान की राशि, केवल आवेदक को देय होगी।
  3. लीज़/ पट्टे की भूमि पर भी आवेदक को योजना का लाभ प्राप्त हो सकता है यदि लीज अनुबंध की अवधि ऋण अदायगी, की अवधि से अधिक हो। किसी बैंक अथवा संस्था के डिफाल्टर को इस योजना का लाभ प्राप्त नही हो सकता है ।
  4. आवेदक किसी बैंक अथवा वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो।

Components of the Scheme योजना के अवयवः

वाहन गैरवाहन मद
1. साधारण बस 1. होटल/पेंइग गेस्ट योजना
2. टैक्सी 2. मोटर गैराज/वर्कशाप निर्माण
3. मैक्स 3. फास्टफूड सैन्टर्स की स्थापना
4. इलैक्ट्रिक बस 4. साधना कुटीर ध्योग ध्यान केन्द्रों की स्थापना
5. साहसिक क्रियाकलाप
6. पी0सी0ओ0 सुविधायुक्त आधुनिक पर्यटन सूचना केन्द्रों की स्थापना
7. टैन्टेज आवासीय सुविधाओं का विकास
8. स्थानीय प्रतीकात्मक वस्तुओं के विक्रय केन्द्रों की स्थापना
9. बैकरी को स्थापित किया जाना
10. लॉंड्री की स्थापना
11. पर्यटन हेतु टेरेन बाइक्स
12. स्टार गेंजिग एवं बर्डवाचिंग हेतु उपकरणों का क्रय
13. हर्बल टूरिज्म
14. क्याकिंग/नाव का क्रय एवं संचालन
15. कैरावैन/मोटर होम टूरिज्म
16. एंगलिंग उपकरणों का क्रय
17. स्मरणीय वस्तु (मैमोरबिलिया) युक्त संग्रहालय का निर्माण एवं मैमोराबिलिया/स्मारिका केन्द्र की स्थापना
18. फ्लोटिंग होटल का निर्माण
19. ट्रकिंग उपकरणों सूट, जैकेट इत्यादि को किराये पर उपलब्ध कराये जाने हेतु केन्द्रों की स्थापना


इस योजना में ऋण बस/टैक्सी परिवहन सुविधाओं का विकास, मोटर गैराज/ वर्कशाप निर्माण, फास्टफूड सैन्टर, साधना कुटीर/ योग ध्यान केन्द्र, 8-10 कक्षीय मोटेलनुमा आवासीय सुविधाओं, साहसिक क्रियाकलापों हेतु उपकरणों की ख़रीद, फ़ोन सुविधायुक्त, आधुनिक पर्यटन सूचना केन्द्र, तथा टैन्टेज आवासीय सुविधाओं के विकास, स्थानीय प्रतीकात्मक वस्तुओं के विक्रय केंद्र, स्टार गेजिंग एवं बर्डवाचिंग, एंगलिग उपकरणों के क्रय हेतु, माउंटेन टैरेन बाइक्स के क्रय हेतु, कैरावैन/मोटर होम टूरिज्म अन्तर्गत कैरावैन क्रय हेतु, कैरावैन/मोटर होम टूरिज्म अन्तर्गत पार्किंग निर्माण हेतु, क्याकिंग/नाव का क्रय, लॉन्ड्री, बेकरी, स्मरणीय वस्तु युक्त संग्रहालय की स्थापना, फ्लोटिंग होटल का निर्माण, ट्रैकिंग उपकरणों, सूट, जैकेट इत्यादि को किराये पर उपलब्ध कराये जाने हेतु केन्द्रों की स्थापना, हर्बल टूरिज्म तथा क्षेत्र विशेष के आकर्षणों एवं विशेषताओं के अनुरूप किसी पर्यटन अभिनव परियोजना पर भी विचार किया जा सकता है।

Selection Process चयन प्रक्रियाः
इस योजना के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिये सभी लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाता है, इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, पर्यटन विभाग के अधिकारी, अग्रणी बैंक प्रबन्धक, महाप्रबन्धक जिला उधोग केन्द्र, परिवहन विभाग का प्रतिनिधि सदस्य के रूप में सम्मिलित होते हैं।

Reservation आरक्षणः
समाज के पिछडे तबकों को भी योजना की सही रूप से लाभ दिये जाने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग आदि को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार आरक्षण प्रदान किए जाते हैं।

Subsidy अनुदान: 

(क) गैर वाहन मदः इस योजना के अन्तर्गत पर्यटन विभाग द्वारा गैर वाहन मदों में पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत अधिकतम ₹33.00 लाख तथा मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत अधिकतम ₹25.00 लाख अनुदान के रूप में स्वीकृत किया जाता है।

(ख) वाहन मद:  वाहन मद के अन्तर्गत साधारण बस, टैक्सी, मैक्सी आदि सम्मिलित हैं, पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत अधिकतम ₹10.00 लाख दिये जाने का प्राविधान है। परन्तु पुश बैक- 30 एवं 42 सीटर -2’2 बस/इलेक्ट्रिक बस एवं पुश बैक 26-28 सीटर एवं 42 सीटर 2’2 इलैक्ट्रिक बस/वातानुकूलित बस हेतु 50 प्रतिशत किन्तु अधिकतम ₹20.00 लाख की राजकीय सहायता दिये जाने का प्राविधान किया गया है। यह व्यवस्था केवल बस/इलैक्ट्रीक बस जो कि निर्धारित मापदण्ड पूरा करते हैं पर अनुमन्य होगी तथा बस/इलैक्ट्रीक बसों की संख्या किसी भी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 होगी।

इस योजना के अन्तर्गत चयनित आवेदकों को नियमानुसार राष्ट्रीयकृत बैंको, ग्रामीण बैकों से ऋण बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दरों पर ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था है।

How to  apply आवेदन कैसे करेः
इस य़ोजना के अन्तर्गत केवल ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किये जाते हैं। जिसके लिये इस लिंक पर क्लिक कर आवेदन कर सकते है। https://msy.uk.gov.in/frontend/web/index.php

य़ोजना के सम्बन्ध में अधिक जानकारी हेतु उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के किसी भी जिला पर्यटन कार्यालय एवं स्वागत केन्द्र अथवा उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय, देहरादून से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।



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