बजट 2021, जानिए कौन सी चीजें हुई सस्ती और क्या हुआ महंगा

by News Desk
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बजट 2021 : वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट, जानिए कौन सी चीजें हुई सस्ती और और क्या हुआ महंगा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज (सोमवार, 01 फरवरी 2021) को संसद में आगामी वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए बजट प्रस्तुत किया गया। इस बजट में लोगों को राहत देने की कोशिश की गई। हर बार की तरह इस बार भी बजट के बाद कुछ वस्तुएँ सस्ती तो कुछ वस्तुएँ महंगी हुई। बजट में किए गए प्रस्ताव 6 मुख्य बिन्दुओं पर आधारित हैं। इसमें स्वास्थ्य और सुख-सुविधाएं, भौतिक और वित्तीय पूंजी तथा बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिये समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम शासन कारगर शासन शामिल हैं।

बजट के अनुसार, सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ विकास वित्त संस्थान गठित करेगी। स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को हटाया जाएगा। व्यक्तिगत उपयोग वाले वाहनों के लिये 20 साल बाद फिटनेस जांच का प्रस्ताव। संभावित पुरानी ढांचागत संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिये राष्ट्रीय मौद्रीकरण कार्यक्रम। डिजिटल तरीके से पहली जनगणना के लिये 3,726 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा– मुश्किल हालात में पेश किया गया यह बजट।

जानते हैं बजट के कुछ मुख्य बिन्दु व इनके प्रभाव-

1 अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष में कोरोना वैक्सीन के लिये 35,000 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान। देश में कोरोना से बचाव के लिये दो वैक्सीन उपलब्ध, दो और वैक्सीन जल्दी ही जारी की जाएंगी।

वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजी व्यय बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया जो चालू वित्त वर्ष में 4.39 लाख करोड़ रुपये था।

पेट्रोल, डीजल, शराब, electronic वस्तुएँ जैसे रेफ्रिजरेटर, मोबाइल, चार्जर, खाद, चमड़ा, सूती कपड़े महंगे, सिंथेटिक कपड़े महंगे होंगे और खाने का तेल, सोना चांदी आदि के सस्ते होने के आसार हैं।

वित्त वर्ष 2021-22 के लिय राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान। सरकार तकरीबन 12 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी। सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने को लेकर प्रतिबद्ध।

75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागिरकों के लिये आईटीआर (आयकर रिटर्न) भरना अनिवार्य नहीं, बैंक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटेंगे।

आयकर मामलों को दोबारा से खोलने के लिये समय सीमा आधा कर 3 साल की गयी। गंभीर धोखाधड़ी मामलों में यह 10 साल है।

सोना, चांदी और सोने और चांदी की मिश्र धातु पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत लगाया गया।

आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई, जो सन 2014 में 3.31 करोड़ थी।

बजट में बंगाल चना पर 50 प्रतिशत, काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, मटर पर 10 प्रतिशत,  कपास पर 5 प्रतिशत पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर। इसके अलावा पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर, और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया।

सस्ते मकान के लिये ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी।

डिजिटल तरीके से अपना अधिकतर कार्य करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया।

कर विभाग प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को दोहरे कराधान से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये नियमों को अधिसूचित करेगा। स्टार्टअप के लिये कर अवकाश, पूंजीगत-लाभ कर छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी।

सीमा शुल्क में पुरानी चार सौ छूटों की समीक्षा का प्रस्ताव, अक्टूबर 2021 से इस पर गहन विचार किया जाएगा।

आबंटन और सुधार: बीमा क्षेत्र में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया।

वाहनों के कुछ कल-पुर्जों, सौर उपकरणों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया।

विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये रखा गया।

जिन कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा- बीपीसीएल, आईडीबीआई बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों तथा एक बीमा कंपनी शामिल हैं। अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी। बजट में 64,180 करोड़ रुपये के आबंटन के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया।

आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। केवल 75 वर्ष से अधिक उम्र वालों को अब आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। शहरी, ग्रामीण स्वच्छता के लिए भी सरकार ने बजट में प्रावधान किए हैं। स्वच्छ हवा के लिए भी सरकार ने अपना पिटारा खोला है। सरकार ने रेलवे के लिए राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार करने का प्रावधान किया है। जल्द ही वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा। बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई को मंजूरी दी गई है। वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें उन से जुड़ी जानकारियाँ होंगी। कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी एलान किया गया। लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा और अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बजट में इस साल राजकोषीय घाटा के 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान किया गया है।

अगली जनगणना की प्रक्रिया डिजिटल होगी। इसके लिए सरकार 3760 करोड़ रुपये देगी।

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