पिथौरागढ़ में बनेगा ईको सेंसेटिव जोन, बाघ, तेंदुए समेत अन्य वन्‍यजीवों के लिए होगा संरक्षित

by Deepti Pandey
501 views


केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की गाइड लाइन की घोषणा होने के उपरांत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ईको सेंसेटिव जोन बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वन विभाग ने अस्कोट अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले लगभग 464.17 हेक्टेयर क्षेत्रफल का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। ईको सेंसेटिव जोन की घोषणा के साथ ही इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का खनन कार्य नहीं हो सकेगा, और ना ही पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाने वाले उद्योग लग पाएंगे।

नब्बे के दशक में डीडीहाट, धारचूला तहसील के बड़े हिस्से को अस्कोट अभयारण्य बनाया गया था। यह क्षेत्र दुर्लभ कस्तूरा मृग का प्राकृतिक वास है। पहले अभयारण्य के अंतर्गत 111 गांव भी शामिल थे, जिनका विकास इसी वजह से बंद हो गया था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने ग्रामीणों की परेशानी को देखते अधिसूचना जारी कर इन गांवों को अभयारण्य की सीमा से बाहर कर दिया था। अब अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले 464.17 हेक्टेयर क्षेत्रफल को ईको सेंसेटिव जोन बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

इस जोन के अंतर्गत आने वाला अधिकांश हिस्सा उच्च हिमालय का है। कुछ हिस्सा नेपाल सीमा से लगा है। जोन के अंतर्गत मानव आबादी वाले हिस्से शामिल नहीं किए गए हैं। वन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है। जहां से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार की मोहर लगने के बाद क्षेत्र ईको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित हो जाएगा। जोन के अंतर्गत हिमालय से निकलने वाली नदियां और बर्फ से आच्छादित क्षेत्र शामिल हैं।

टाइगर, लैपर्ड कॉरीडोर भी रहेगा सुरक्षित

अस्कोट अभयारण्य क्षेत्र से ही भारत-नेपाल के बीच टाइगर, लैपर्ड कॉरीडोर भी लगा है। टाइगर, लैपर्ड दोनों देशों के बीच आवागमन के लिए इसी कॉरीडोर का उपयोग करते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में अभी तक टाइगर नहीं दिखते थे, लेकिन अब हिमालय क्षेत्र भी इनसे दूर नहीं हैं। दो वर्ष पूर्व ही इस क्षेत्र में वन विभाग के सीसीटीवी कैमरे में टाइगर दिखा था। भारत और नेपाल के पहाड़ से लगे मैदानी इलाकों में वन्य जीव अभयारण्य है, जिनसे होते हुए तमाम जानवर पहाड़ में पहुंच रहे हैं। ईको सेंसेटिव जोन बन जाने के बाद यह कॉरीडोर भी सुरक्षित रहेगा। प्रभागीय वनाधिकारी, पिथौरागढ़ विनय भार्गव ने बताया कि अस्कोट अभयारण्य के अंतर्गत जिले का ईको सेंसेटिव जाने बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज गया है। प्रदेश सरकार के माध्यम से प्रस्ताव केंद्र को भेेजा जाएगा। जहां से इस पर अंतिम मोहर लगेगी।


उत्तरापीडिया के अपडेट पाने के लिए फ़ेसबुक पेज से जुड़ें।



Related Articles

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.