Light Pollution रात मे लाइट जले रहने से मानव और प्रकृति के लिए कितना घातक हैं!

by News Desk
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Light Pollution

आज नाइट लाइफ, चकाचौध भरी शहरी लाइफ का आनंद लेती पीढ़ी के लिए गंभीर चिंता का विषय है – उनके द्वारा जाने – अनजाने किया जा रहा प्रकाश का अत्यधिक उपयोग – दुनिया को एक ऐसे अंधेरे की ओर धकेल रहा है, जिसका खामियाजा आने वाली अनेकों पीढ़ियों को भोगना पड़ सकता है।

मनुष्यों द्वारा अपनी सुविधाओं में किया कोई भी इजाफ़ा, प्राकृतिक संसाधनों की हानि करने के साथ साथ पृथ्वी में मौजूद अन्य प्राणियों, जीवों, वनस्पतियों को भी नुक़सान पँहुचा सकता है। अपनी सुविधा के लिए रात्रि में इंसानों ने भवनों में, सड़कों में, मैदानों में और अपने संपर्क में आने वाली अधिकतर जगहों में अपनी सुरक्षा और सुविधा को मद्देनज़र रखते हुए स्ट्रीट लाइट, उच्च शक्ति की जगमगाती रोशनी से भर दिया है, जो मनुष्य के लिए ठीक हो सकती हैं, पर ब्रह्मांड में मौजूद अन्य प्राणियों और वनस्पतियों के लिए हानिकारक होती है। जानते है इसी को विस्तार से।

Light Pollution प्रकाश प्रदूषण क्या है!

यह एक प्रकार का प्रदूषण है जिसे प्रकाश प्रदूषण के रूप में जाना जाता है जो रात के समय होता है। प्रकाश प्रदूषण रात में मानवीय गतिविधियों द्वारा उत्पन्न अत्यधिक या गलत दिशा में फैला कृत्रिम प्रकाश है जो रात के आकाश के प्राकृतिक अंधेरे में रोशनी करती है।

अधिक सटीक रूप से, प्रकाश प्रदूषण एक प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण है जो रात में कृत्रिम प्रकाश के अत्यधिक या गलत उपयोग को संदर्भित करता है। यह मानवीय गतिविधियों जैसे बाहरी प्रकाश व्यवस्था, स्ट्रीटलाइट्स, रोशनी वाली इमारतों और विज्ञापनों के कारण होता है। अत्यधिक कृत्रिम प्रकाश के उपयोग से पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

प्रकाश प्रदूषण के स्रोतों के उदाहरणों में स्ट्रीटलाइट्स, गलो साइन विज्ञापन, चमकदार इमारतें और वाहनों की हेडलाइट्स शामिल हैं।

प्रकाश प्रदूषण के प्रकार

  • ग्लेयर- रोशनी की अत्यधिक चमक जिससे आंखें चौंधिया जाएं, थोड़ी सी लाइट कम होने पर अंधेरा दिखने लगे
  • स्काईग्लो– घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रात के अंधेरे में भी आसमान का चमकना
  • लाइट ट्रेसपास- उन स्थानों पर भी लाइट का पड़ना जहां उसकी जररूत नहीं
  • क्लटर- किसी एक स्थान पर एक साथ कई चमकदार लाइटों को एक साथ जलाना

प्रकाश प्रदूषण के दुष्प्रभाव

हालांकि इसके पूरी तरह दुष्प्रभाव का परिमाण आने वाले कुछ समय मे मिलेगा। लेकिन आरंभिक अध्ययन मे वैज्ञानिकों के अनुसार प्रकाश प्रदूषण पौधों और जानवरों के प्राकृतिक चक्रों को रोकता करता है, मानव स्वास्थ्य और नींद के स्वाभाविक तरीकों को प्रभावित करता है, और ऊर्जा और संसाधनों पर विपरीत प्रभाव डालता है।

कीटों और पक्षियों की अनेकों प्रजातियां प्रकाश और अंधेरे के प्राकृतिक चक्रों पर निर्भर होती है। जिसमें एक जगह से दूसरी जगह जाना, प्रजनन और भोजन शामिल है। उदाहरण के लिए, समुद्री कछुए के बच्चे अक्सर समुद्र तटों पर कृत्रिम रोशनी की वजह से मार्ग भटक जाते हैं, जिससे वे समुद्र की ओर जाने के बजाय समुद्र से दूर चले जाते हैं, जिससे उच्च मृत्यु दर हो सकती है। इसी तरह, कई पक्षी प्रजातियां कृत्रिम प्रकाश की ओर आकर्षित होती हैं और दिशाहीन हो जाती हैं, जिससे इमारतों और अन्य संरचनाओं से टकराव होता है।

छोटे कीट पराग कण एक स्थान से दूसरे मे ले जाने का भी कार्य करते है। इसी तरह फसलें और खाद्यान्न की उपज मे भी बीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने मे उनका योगदान है। और कृत्रिम प्रकाश के कारण दिशा भ्रम, प्राकृतिक क्रम मे व्यवधान से लाखों की संख्या मे कीटों की प्रजातियाँ नष्ट हो रही है। और जिस कारण आने वाले समय मे मनुष्य के लिए खाद्यान्न संकट भी पैदा हो सकता ही।

प्रकाश प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रात में अत्यधिक कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में आने से नींद के पैटर्न और सर्कैडियन लय बाधित हो सकते हैं, जिससे अनिद्रा, अवसाद और मोटापे और मधुमेह के बढ़ते जोखिम सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, तेज रोशनी की चकाचौंध से आंखों में खिंचाव और सिरदर्द हो सकता है।

आप इस प्रदूषण के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो Blue Marble Navigator अथवा लाइट पलूशन मेप देख सकते हैं। इस धरती का अस्तित्व 3 अरब साल का बताया जाता है जिसमें रोशनी और अंधेरे का एक तालमेल है। ये दोनों मिलकर ही धरती को संभालते रहे हैं।  इसमें सूर्य, चंद्रमा और तारों की रोशनी शामिल है। अब कृत्रिम रोशनी ने ने रात और अंधेरे का कॉनसेप्ट खत्म कर दिया है। इससे प्राकृतिक रात एवं दिन का पैटर्न पूरी तरह से खत्म हो गया है।

प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  • ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करें: पारंपरिक प्रकाश बल्बों को ऊर्जा-कुशल बल्बों से बदलें, जैसे कि एलईडी या सीएफएल, जो न केवल ऊर्जा की बचत करते हैं बल्कि प्रकाश प्रदूषण को भी कम करते हैं।
  • उपयोग सीमित करें: कृत्रिम रोशनी को केवल तभी चालू करें जबकि उनकी बहुत जरूरत हो, बाकि समय उसे बंद रखें।।
  • टाइमर का उपयोग करें: रात के दौरान अनावश्यक प्रकाश व्यवस्था को कम करने के लिए ऐसे टाइमर स्थापित करें जो एक निश्चित समय पर रोशनी बंद कर दें, जैसे कि जब व्यवसाय या भवन बंद हो।
  • रोशनी बंद करें: जब रोशनी की आवश्यकता न हो, जैसे कि कमरे से बाहर निकलते समय, ऊर्जा बचाने और प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए रोशनी बंद कर दें।
  • प्रकाश के सही स्तरों का उपयोग करें: ऐसे प्रकाश स्तरों का उपयोग करें जो कार्य या गतिविधि के लिए उपयुक्त हों, बजाय अधिक रोशनी के। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि प्रकाश प्रदूषण भी कम होता है।
  • दूसरों को शिक्षित करें: प्रकाश प्रदूषण को कम करने के महत्व और इसे रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में दूसरों को शिक्षित करें।

इन कदमों को उठाकर, हम प्रकाश प्रदूषण को कम कर सकते हैं और रात के आकाश के प्राकृतिक अंधेरे को संरक्षित कर सकते हैं, जबकि ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं और पौधों, जानवरों और मनुष्यों के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा दे सकते हैं।



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