उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की जेई, एई और पटवारी भर्ती की एसआईटी जांच के साथ ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की एसटीएफ जांच भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में होगी।
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने वार्ता में अपनी मांगे रखी थीं। उनकी सभी समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। सख्त नकल विरोधी कानून की उनकी मांग थी। सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर दिया है, जो देश में सबसे सख्त कानून है।
सरकार भर्ती परीक्षाओं की दो जांचों को उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में कराने को सहमत है। कहा, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की जांच एसटीएफ कर रही है, जबकि लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की जांच एसआईटी कर रही है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार उच्च न्यायालय से इस संबंध में अनुरोध करेगी। कहा, अभ्यर्थियों की मांग पर परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।
पटवारी भर्ती की परीक्षा निष्पक्षता और पारदर्शिता से संपन्न कराई गई। एक लाख से अधिक बच्चों ने परीक्षा दी। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, एडीजी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन, अपर सचिव विधायी महेश चंद्र कौशिबा पत्रकार वार्ता में मौजूद थे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नकल विरोधी कानून राज्य में 11 फरवरी से लागू हो गया है। इस तिथि के बाद जितनी भी राज्य सरकार के भर्ती आयोगों के स्तर से प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जाएंगी, उन सभी पर यह कानून लागू होगा।
लेकिन यदि कानून लागू होने से पूर्व कोई परीक्षा गतिमान है तो उसके अगले चरण की परीक्षा पर नया कानून लागू होगा।
Paper Leak : हाईकोर्ट जज की निगरानी में होगी SIT व STF जांच, पुरानी परीक्षाओं के अगले चरणों पर नया कानून लागू