बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उन्हें प्यार की भाषा समझ आती है। आप अपने बच्चों को अपने रंग में ढाल सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बच्चों को टाइम देना होगा।
इस दौरान आप अपने बच्चे को बातचीत का सही तरीका सिखा सकते हैं। बच्चों की स्पीकिंग स्किल्स बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आप इन टिप्स को भी फॉलो कर सकते हैं। आइए जानते हैं
वार्तालाप के लिए आई कांटेक्ट बहुत जरूरी है। इससे ध्यान नहीं भटकता है। अगर आप आई कांटेक्ट कर सामने वाले की बात सुनते हैं, तो आपको बात अच्छी तरह से समझ आती है। इसके लिए बच्चों को भी ये गुण सिखाएं।
उन्हें बताएं कि आई कांटेक्ट स्पीकिंग स्किल्स के लिए कितना जरूरी है। इससे बच्चे गुड लर्नर बन सकते हैं। साथ ही उनमें बातों को समझने की क्षमता बढ़ेगी।
अगर बच्चे गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें टोकें। साथ ही सही अर्थ बताएं और उसका उच्चारण करने की सलाह दें। बार-बार अभ्यास से गलती में सुधार हो जाएगा। ऐसा कभी न करें कि बच्चे की गलती को नादानी समझ लें।
सीखने में लंबा वक्त लगता है। इसके लिए खुद भी धीरज रखें और बच्चों को भी अभ्यासरत रहने की सलाह दें। इसके लिए धीरज रखना जरूरी है।
बच्चों को इसका महत्व भी बताएं। जीवन में धैर्य और गंभीरता दोनों जरूरी है। इससे बच्चे को स्पीकिंग स्किल्स में मदद मिल सकती है। वह समय लेकर सामने वाले से बेहतरीन वार्तालाप कर सकता है।