फाइलेरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान, 2027 तक करेंगे बीमारी को खत्म

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लसिका फाइलेरिया को खत्म करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान शुरू किया है।

मंत्रालय ने विशेष रूप से 10 प्रभावित राज्यों में फाइलेरिया रोधी दवाओं को प्रशासन के माध्यम से घर-घर पहुंचा कर फाइलेरिया रोग के संचरण को समाप्त करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी जन औषधि प्रशासन (एमडीए) अभियान शुरू किया है।

मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ने संयुक्त रूप से अभियान शुरू किया‌ है।

स्वास्थ्य मंत्रालय का यह लांच वैश्विक लक्ष्य से 3 साल पहले 2027 तक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से शानदार समर्थन प्राप्त करने के 1 महीने बाद आया है। भारत ने लसीका फाइलेरिया (एलएफ) को खत्म करने के प्रयासों को तेज कर दिया है।

यह क्यूलेक्स मच्छरों के कारण होने वाली एक वेक्टर-जनित बीमारी है जो लोगों को विकलांगता की ओर ले जाती है। समुदायों को विकलांगों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक असुरक्षा से बचाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है।

मंत्रालय के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने एलएफ के उन्मूलन के लिए पहले से ही एक नई पांच-स्तरीय रणनीति का अनावरण किया है। अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि एलएफ से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है।'

उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे दवाओं के वितरण के बजाय सीधे तौर पर देखी जाने वाली चिकित्सा पर ध्यान दें। साथ ही में उन्होंने ब्लॉक स्तर पर सघन मॉनिटरिंग पर ध्यान देने पर जोर दिया।