नीम करोली बाबा और कैची धाम
EXPLORE
नीम करोली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है।
आश्रम उत्तराखण्ड में नैनीताल ज़िले में भवाली के समीप, नज़दीकी रेलवे स्टेशन कठगोदम में है।
प्रसिद्ध कैंची धाम शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है। 15 जून को यहां होने वाले मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग सहित कई विदेशी भी नीम करोली आश्रम आ चुके है।
बाबा किसी से अपना पैर नहीं छुआते थे। भक्त जब पैर छूने के लिए आगे बढ़ते तो हनुमान जी का पैर छूने के लिए कह देते थे।
कैंची धाम का निर्माण 1962 में हुआ पहले हनुमान जी मंदिर और उससे बगल में ही कैंची मंदिर और भक्तों के लिए आश्रम बनाया गया।
नीम करोली बाबा का जन्म के समय नाम लक्ष्मीनारायण था। वो उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में 1900 के आसपास पैदा हुए।
नीम करोली बाबा का विवाह 11 वर्ष में हो गया था। लेकिन आध्यात्म साधना हेतु उन्होंने घर छोड़ दिया।
शीतकाल में कैंची आश्रम दर्शन प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक और शेष वर्ष प्रातः 6 से सायं 7 तक दर्शन कर सकते है।
कैची धाम के निकट ठहरने के लिए अब कई होटल/ गेस्ट बन गये है। साथ ही निकटवर्ती नैनीताल, मुक्तेश्वर भी ठहर का मंदिर दर्शन कर सकते है।
बाबा नीम करोली बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में शरीर त्यागा। यहां अब एक भव्य आश्रम और बाबा का समाधि स्थल है।
बाबा जी की कृपा आज भी श्रदालुओं पर बरसती है। स्थूल रूप में बाबाजी भक्तों पर कृपा बरसाते है।
बाबा जी से जुड़ी कहानियाँ और वीडियो नीचे क्लिक कर देखें
Read More